Hal Chhath 2019: इस साल 21 अगस्त 2019 को हरछठ पूजा का त्यौहार मनाया जाएगा. कहा जाता है कि इस दिन श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था. जन्माष्टमी के व्रत की तरह इस दिन भी व्रत रखने की परंपरा है. यह व्रत केवल पुत्रवती महिलाएं करती हैं. इस व्रत को महिलाएं पुत्रों की लंबी आयु के लिए करती हैं.
नई दिल्ली. हरछठ पूजा त्यौहार भादों कृष्ण पक्ष की छठ को मनाया जाता है. इस साल 24 अगस्त 2019 को जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा वहीं कुछ लोग इस त्यौहार को 24 अगस्त 2019 को मनाया जाएगा. जन्माष्टमी से दो दिन पहले यह पर्व मनाया जाएगा. हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस दिन श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था. जन्माष्टमी के व्रत की तरह इस दिन भी व्रत रखने की परंपरा है. यह व्रत केवल पुत्रवती महिलाएं करती हैं. इस व्रत मे पेड़ो के फल बिना बोया अनाज आदि खाया जाता है. इस साल यह व्रत 21 अगस्त यानी बुधवार के दिन है.
यह व्रत महिलाएं पुत्रों की लंबी उम्र के लिए और उनकी सम्पन्नता के लिए करती हैं. इस व्रत में महिलाएं हर पुत्र के हिसाब से छह छोटे मिट्टी या चीनी के वर्तनों में पांच या सात भुने हुए अनाज या मेवा भरती हैं. जारी यानी छोटी कांटेदार झाड़ी की एक शाखा, पलाश की एक शाखा और नारी (एक प्रकार की लता) की एक शाखा तो भूमि या किसी मिट्टी भरे गमले में गाड़ कर इसका पूजन करते हैं. महिलाएं पड़िया वाली भैं, के दूध से बने दही और महुवा यानी सूखे फूल को पलाश के पत्ते पर खा कर व्रत का समापन करती हैं.
शास्त्रों के अनुसार बताया जाता है कि महाभारत में देवी उत्तरा ने अपने नक बच्चे के कल्याण के लिए भगवान कृष्ण की सलाह ही थी और अपने नष्ट गर्भ को ठीक करने के लिए हरछठ व्रत रखकर पूजा की थी. तभी से हिंदू धर्म में हरछठ का पर्व पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन हल की पूजा करने का विशेष महत्व होता है. हरछठ के दिन दिन भर निर्जला व्रत रख कर शाम के समय ही जल और फल आदि ग्रहण किया जाता है.
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