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Happy Mahavir Jayanti quotes and wishes for 2018: इन स्पेशल मैसेजेस के जरिए दोस्तों और परिवार को दें महावीर जयंती की शुभकामनाएं

Happy Mahavir Jayanti 2018 quotes in hindi: 29 मार्च को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती पूरी दुनिया में बड़े हर्षोल्‍लास के साथ मनाई जा रही है. महावीर स्वामी की जयंती जैन धर्म को सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. महावीर जयंती के अवसर पर हम आपको महावीर जयंती के कुछ मैसेजेस, विशेश और Quotes के बारे में बताने जा रहे हैं.

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  • March 29, 2018 4:44 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली:जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती पूरी दुनिया में बड़े हर्षोल्‍लास के साथ मनाई जाती है. महावीर का जन्म 599 वर्ष पहले चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में त्रयोदशी तिथि को बिहार में लिच्छिवी वंश के महाराज श्री सिद्धार्थ और माता त्रिशिला रानी देवी के यहां हुआ था. महावीर स्वामी के जन्म दिवस के अवसर पर चैत्र महीने की शुक्ल त्रयोदशी के दिन महावीर जयंती मनाई जाती है. इस साल महावीर जंयती 29 मार्च को मनाया जा रहा है. Mahavir Jayanti 2018 पर लोग एक दूसरे को फेसबुक और व्हाट्सएप पर महावीर जयंती की शुभकामनाएं एवं बधाई संदेश भेजते हैं. आज हम आपको महावीर जयंती के कुछ मैसेजेस, विशेश और Quotes के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भेजकर विश कर सकते हैं.

वर्धमान महावीर का जन्म एक क्षत्रिय राजकुमार के रूप में एक राज परिवार में हुआ था. उनका जन्म प्राचीन भारत के वैशाली राज्य के गांव कुंडग्राम में हुआ था. भगवान महावीर कई नामों से जानें जाते हैं जिनमें वर्धमान, महावीर, सन्मति और साहसी आदि मुख्य नाम थे. भगवान महावीर का जन्म एक साधारण बालक के रूप में हुआ था इनकी कड़ी तपस्या की वजह से ही इनका जीवन अनूठा बन गया. महावीर स्वामी काफी अन्तर्मुखी स्वभाव के माने जाते थे. महावीर स्वामी को शुरुआत से ही संसार के भोगों में कोई रुचि नहीं थी लेकिन माता-पिता की इच्छा की वजह से उन्होंने वसंतपुर के महासामन्त समरवीर की पुत्री यशोदा के साथ परिणय सूत्र में बंध गए और जिससे उनकी एक पुत्री हुई जिसका नाम प्रियदर्शना रखा गया.

तीस साल की उम्र में उन्होंने घर-बार छोड़ दिया और कठोर तपस्या की वजह से कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया. महावीर ने पार्श्वनाथ के आरंभ किए तत्वज्ञान को परिभाषित करके जैन दर्शन को स्थाई आधार दिया. महावीर स्वामी ने श्रद्धा एवं विश्वास की वजह से जैन धर्म की फिर से प्रतिष्ठा स्थापित की. उन्होंने ‘अहिंसा परमोधर्म’ के सिद्धांत और लोक कल्याण का मार्ग अपना कर विश्व को शांति का सन्देश दिया. आधुनिक काल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पूरी दुनिया को अहिंसा के जिस महान आदर्श को अपनाने के लिए आह्वान किया था, उसके महत्व पर सर्वप्रथम और सबसे अधिक जोर महावीर स्वामी ने ही दिया है. इस आदर्श के अनुसार, हमें किसी भी रूप, मनसा-वाचा-कर्मणा, में हिंसा नहीं करनी चाहिए.

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