MahaShivratri 2019: शिव पूजन में एक बात का जिक्र हमेशा से होता आया है कि शिव भगवान को चढ़ाया हुआ प्रसाद ग्रहण नहीं किया जाता है. इस बाबत कई धार्मिक मान्यताएं हैं जो ऐसा कहती हैं. आइए इस महाशिवरात्री हम आपको बताएं की शिव भगवान पर चढ़ाया प्रसाद क्यूं नहीं खातें हैं और इसके पीछे की कहानी क्या है.
नई दिल्ली. Mahashivratri 2019 on 4th March: महाशिवरात्री का महापर्व जैसे- जैसे नजदीक आ रहा है शिव भक्तों में उत्साह बढ़ रहा है. इस साल महाशिवरात्री 4 मार्च का मनाई जा रही है और अब कुछ ही दिन शेष रहने की वजह से शिव भक्त अपनी तैयारियों में विशेष ध्यान दे रहें हैं. शिव पूजन में एक बात का जिक्र हमेशा से होता आया है कि शिव भगवान को चढ़ाया हुआ प्रसाद ग्रहण नहीं किया जाता है. इस बाबत कई धार्मिक मान्यताएं हैं जो ऐसा कहती हैं. आइए इस महाशिवरात्री हम आपको बताएं की शिव भगवान पर चढ़ाया प्रसाद क्यूं नहीं खातें हैं और इसके पीछे की कहानी क्या है.
महाशिवरात्री 2019:शिव भगवान पर चढ़ाए प्रसाद को क्यूं नहीं खाया जाता
1.एक मान्यता के अनुसार भूत- प्रेत का प्रधान चण्डेश्वर शिव भगवान के मुख से प्रकट हुआ है इसलिए जो भी प्रसाद भगवान शिव को भक्त अर्पित करते हैं वो चण्डेश्वर के हिस्से में जाता है. इसलिए जो भी वो प्रसाद खाता है वो भूत- प्रेत का अंश खाता है.
2.शिवपुराण में कहा गया है कि जिन जगहों पर चण्डेश्वर का अधिकार है वहां के प्रसाद को खाना मना है बाकि जगहों के प्रसाद खाया जा सकता है.
3.शिव भगवान पर चढ़े प्रसाद को ग्रहण करना या ना करना शिवलिंग के धातु पर निर्भर करता है. शिवलिंग अगर मिट्टी, पत्थर, चीनी मिट्टी का बना है तो वो प्रसाद आप जल में प्रवाहित कर दें उसे ग्रहण ना करें.
4.बाणलिंग और पारद शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद ग्रहण करने योग्य होता है इन प्रसाद पर चंडेश्वर का अधिकार नहीं होता.
5.मान्यता के मुताबिक शिवलिंग के साथ शालग्राम का प्रसाद आप खा सकते हैं. इसके साथ ही शिवलिंग के नीचे चढ़ाया गया प्रसाद भी आप खा सकते इससे गरीबी नहीं आती.
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