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Hanuman Jayanti 2019: जानिए जैन धर्म क्यूं की जाती है भगवान हनुमान की पूजा, हनुमान जयंती का क्या है महत्व

Hanuman Jayanti 2019: 29 मई 2019 को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में हनुमान जयंती मनाया जा रहा है. इस दिन हनुमान जी की विशेष अनुष्ठान के रूप में अर्चना, अभिषेक और निवेदन श्री प्रसन्ना अंजनेय मंदिर में किया जाता है. टीटीडी द्वारा बेदी अंजनेय स्वामी मंदिर, कोनीटीगट्टू मंदिर में भी विशेष पूजा की जाती है.

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  • May 29, 2019 1:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

बॉलीवुड डेस्क,मुंबई. 29 मई 2019 को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में हनुमान जयंती मनाया जा रहा है. इस दिन हनुमान जी की विशेष अनुष्ठान के रूप में अर्चना, अभिषेक और निवेदन श्री प्रसन्ना अंजनेय मंदिर में किया जाता है. टीटीडी द्वारा बेदी अंजनेय स्वामी मंदिर, कोनीटीगट्टू मंदिर में भी विशेष पूजा की जाती है. इस दिन श्रद्धालु जपली थेर-थम का भी आनंद लेते हैं. हनुमान जयंती आकाश गंगा तीर्थम के पास शेषचलम जंगल में जपाली तीर्थम में मनाई जाती है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव के आशीर्वाद से हनुमान का जन्म केसरी और अंजना देवी से हुआ था.

हनुमान जी अंजना का बेटे हैं, इसलिए उन्हें अंजनेया नाम से भी जाना जाता है. भगवान राम के सबसे बड़े भक्त के रूप में भगवान हनुमान रामायण में प्रमुख पात्रों में से एक हैं. हनुमान जी की चर्चा भारत के पुराणों के साथ-साथ जैन ग्रथों में भी है. हिन्दूओं के अनुसार यह अप्रैल में मनाया जाता है. उस दिन भगवान हनुमान जी की पूजा की जाती है. लेकिन जैन धर्म में यह 41 दिनों के लिए मनाया जाता है. यह चैत्र पूर्णिमा से शुरू होता है और वैशाख महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान दसवें दिन समाप्त होता है.

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आंध्र प्रदेश में भक्त 41 दिन की चैत्र पूर्णिमा पर शुरू करते हैं और हनुमान जयंती के दिन इसका समापन करते हैं. तेलंगाना में 41 दिन की हनुमान जयंती के साथ हनुमान जयंती को तेलुगू भाषी लोग अनोखे तरीके से मनाते हैं.

इन 41 दिनों के दौरान शराब, मांस, धूम्रपान और सेक्स से परहेज करते हैं. व्रत करने वाले भक्त नारंगी धोती पहनते हैं और बिना जूते के चलते हैं. 41 दिनों की तपस्या कर हनुमान या भगवान राम को समर्पित आंध्र प्रदेश के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों या मंदिरों की यात्रा के साथ समाप्त होती है. हनुमान जी को खुश करने के लिए हनुमान चालीसा’ का जाप करते हैं.

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