नई दिल्ली: चैत्र नवरात्रि के पावन दिनों में आज यानी मंगलवार को देव गुरु बृहस्पति स्वराशि मीन में अस्त हो गए हैं. आज सुबह करीब साढ़े 9 बजे गुरु मीन राशि में अस्त हुए थे जो अब बृहस्पति 22 अप्रैल को मेष राशि में गोचर करेंगे। उनका उदय 27 अप्रैल को हो जाएगा. इस ग्रह […]
नई दिल्ली: चैत्र नवरात्रि के पावन दिनों में आज यानी मंगलवार को देव गुरु बृहस्पति स्वराशि मीन में अस्त हो गए हैं. आज सुबह करीब साढ़े 9 बजे गुरु मीन राशि में अस्त हुए थे जो अब बृहस्पति 22 अप्रैल को मेष राशि में गोचर करेंगे। उनका उदय 27 अप्रैल को हो जाएगा. इस ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में सुख, सौभाग्य, यश, वैभव, धन और बुद्धि का कारक माना गया है. गुरु के किसी भी राशि में अस्त होने से उसके शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. गुरु के अस्त होने पर गुरु की शक्तियां क्षीण हो जाती है और शुभता का प्रभाव घट जाता है. आइए जानते हैं आने वाले महीनों में गुरु किन राशियों को हानि पहुंचा सकते हैं.
यदि आपकी राशि मेष है तो जान लें कि आपकी राशि में भी गुरु द्वादश भाव में अस्त हुए हैं जिससे आपके पिता के साथ संबंध बिगड़ सकते हैं और पिता के सुखों में कमी हो सकती है. बिना कारण के ही यात्राओं के लिए जाना पड़ सकता है. भाग्य का साथ रहेगा लेकिन शुभ फलों की प्राप्ति आपको मुश्किल से ही होगी. लेकिन परनामों के लिए आपको खूब मेहनत करनी पड़ेगी.
आपकी राशि के आठवें भाव में बृहस्पति अस्त हुए हैं.आपकी धार्मिक कार्यशैली गुरु के अस्त होते ही प्रभावित होगी. पूजा-पाठ से इस समय आप अपना मन चुराएंगे. लड़ाई-झगड़ों की संभावना भी बन रही है साथ ही आलस्य छाया रहेगा. लेन-देन के चलते ससुराल पक्ष से झगड़े बढ़ सकते हैं. आपके रिश्तों पर भी गुरु के अस्त होने का असर पड़ेगा. पढ़ाई-लिखाई करने वाले छात्रों की एकाग्रता ठीक नहीं रहेगी और अच्छे परिणामों के लिए इंतजार करना पड़ सकता है.
आपके राशि के वाणी और परिवार के भाव में बृहस्पति अस्त हुए हैं. इस दौरान आपकी वाणी में कठोरता रहेगी जिस कारण आपके रिश्ते बदलेंगे. आपके आय के साधनों पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है साथ ही खर्चों में इजाफा हो सकता है. दुर्घटनाओं की संभावना है इसलिए आपको सावधानी के साथ वाहन चलाने की सलाह दी जाती है. इस समय अगर आप प्रॉपर्टी में निवेश करने के बार में सोच रहे हैं तो बता दें, कि गुरु की अस्त अवधि में किया गया निवेश केवल नुकसान देगा.