Gupt Navratri 2018: आषाढ़ मास की नवरात्रि में गुप्त नवरात्रि 2018 पड़ती है, इसी वजह से इसे अषाढ़ नवरात्रि 208 भी कहते हैं. इस साल जुलाई महीने की 13 तारीख से गुप्त नवरात्रि प्रांरभ हो रही है. ऐसे में बताया गया है कि अन्य नवरात्र की तरह गुप्त नवरात्रों में एक तरह है पूजा का विधान है. माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त होती हैं.
नई दिल्ली. गुप्त नवरात्रि 2018 आषाढ़ मास की नवरात्रि में पड़ती है और इसको अषाढ़ नवरात्रि 2018 भी कहा जाता है. 13 जुलाई 2018 से इस साल की गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ हो रही है. बताया जाता है कि गुप्त नवरात्रि में भी अन्य नवरात्रि की तरह पूजा विधान है. मान्यता है कि तांत्रिक सिद्धियां गुप्त नवरात्रि में प्राप्त होती हैं. गुप्त नवरात्रि में 9 दिनों तक उपवास करने का विधान बताया गया है.
बताया जाता है कि गुप्त नवरात्रि के प्रांरभ होने के पहले दिन घटस्थापना की जाता है. घटस्थापना के बाद हर रोज सुबह और शाम के समय दुर्गा माता की पूजा अराधना करनी बताई गई है. इस साल जुलाई में गुप्त नवरात्रि पड़ रही है.
जानिए क्या हैं गुप्त नवरात्रि
गुप्त नवरात्र के दिनों मां काली की पूजा अधिक कठिन और फलदायी बताई जाती है. बता दें कि गुप्त नवरात्रि के दौरान गुप्त तरीके से मां काली की पूजा अराधना करने का प्रावधान बताया गया है. यही वजह से इसे आषाढ़ नवरात्रि के साथ गुप्त नवरात्रि कहा जाता है.
कब मनाते हैं गुप्त नवरात्रि
गौरतलब है कि नवरात्रि एक साल में दो बार माघ और आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में आते हैं. ऐसे में इस दौरान जो तांत्रिक विद्या पर भरोसा करते हैं और उन्हें तंत्र-मंत्र की साधना में भरोसा होता है तो वे इन नवरात्रि में तंत्र साधना पूर्ण करते हैं. जैसे दूसरे नवरात्र में दुर्गा माता के 9 रूपों की पूजा की जाती है, ऐसे ही गुप्त नवरात्रों में 10 महाविधाओं की साधना करने खास महत्व बताया गया है.
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