Gita Jayanti 2020 Date: इस दिन पड़ेगी गीता जयंती 2020, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Gita Jayanti 2020 Date: हिंदू धर्म में गीता जयंती का विशेष स्थान है. दरअसल इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का संदेश दिया था. इस वर्ष गीता जयंती 25 दिसंबर 2020 को पड़ रही है. गीता के अंदर अठारह अध्याय हैं. मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती मनाई जाती है.

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Gita Jayanti 2020 Date: इस दिन पड़ेगी गीता जयंती 2020, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Aanchal Pandey

  • October 5, 2020 5:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

Gita Jayanti 2020 Date: भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) ने कौरवों और पांडवों के युद्ध के समय अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. गीता के अंदर कुल अठारह अध्याय हैं. जिनमें से 6 अध्याय कर्मयोग,6 अध्याय ज्ञानयोग और अंतिम 6 अध्याय में भक्तियोग के उपदेश दिए गए हैं. गीता जयंती के दिन गीता को पढ़ना या सुनना अत्यंत ही शुभ माना जाता है. इस साल गीता जयंती की 5157वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी तो चलिए जानते हैं. इस वर्ष गीता जयंती 25 दिसंबर 2020 को पड़ रही है.

गीता जयंती 2020 शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ – रात 11 बजकर 17 मिनट से (24 दिसंबर 2020)

एकादशी तिथि समाप्त – अगले दिन रात 1 बजकर 54 मिनट तक (26 दिसंबर 2020)

गीता जयंती का महत्व

गीता जयंती मार्गशीष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. यह जीवन का सार माना जाता है. जिस समय कौरवों और पांडवों का युद्ध चल था और अर्जुन अपने परिवार के लोगों को सामने देखकर युद्ध करने से डर गया था. उस समय भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. जिसके बाद अर्जुन ने धर्म की रक्षा के लिए युद्ध किया था. पुराणों के अनुसार गीता की उत्पत्ति कलयुग आरंभ होने से 30 वर्ष पहले हुई थी. गीता के अंदर अठारह अध्याय हैं. मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती मनाई जाती है.

कैसे मनाई जाती है गीता जयंती ( How To Celebrate Gita Jayanti)

  • गीता जयंती के दिन साधक को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करना चाहिए.
  • इसके बाद एक साफ चौकी पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए.
  • भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करने के बाद उनके चरणों में भगवद् गीता को रखें.
  • इसके बाद श्रीमदभगवत गीता पर गंगा जल छिड़कें और भगवान श्री कृष्ण और भगवद गीता का रोली से तिलक करें.
  • रोली से तिलक करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण और श्रीमदभगवत गीता पर फूल अर्पित करें.
  • इसके बाद भगवान श्री कृष्ण की धूप व दीप से आरती उतारें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं.
  • भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के बाद श्रीमदभगवत गीता को हाथ से उठाकर माथे पर लगाएं और उसका पाठ करें या सुनें.
  • गीता जयंती के दिन मंदिरों में भी गीता का पाठ किया जाता है. आप चाहें तो वहां जाकर भी गीता सुन सकते हैं.

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