नई दिल्ली: मार्गशीर्ष माह(22 दिसंबर 2023) के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती मनाई जाएगी। जानकारी दे दें कि ये एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी उत्पत्ति स्वंय श्रीकृष्ण के श्रीमुख से हुई है। इसी कारण है कि हर साल गीता जयंती(Geeta Jayanti 2023) मनाई जाती है। शास्त्रों के मुताबिक जिन लोगों के घर श्रीमदभागवत गीता ग्रंथ रखी है उन्हें कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए।
गीता पाठ करने के फायदे
- पुराणों के मुताबिक जिस घर में नियमित रूप से गीता का पाठ किया जाता है वहां हमेशा खुशहाली रहती है।
- गीता का पाठ करने से व्यक्ति में हर कठिन परिस्थिति से लड़ने की काबिलियत आती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है।
- गीता में लिखे श्लोक व्यक्ति को वास्तविकता से रूबरू करते हैं।
- गीता जयंती के शुभ दिन पर गीता पाठ के साथ हवन किया जाए तो इससे वास्तु दोष समात् होता है।
- गीता का पाठ करने से मृत्यु के बाद पिशाच योनी से मुक्ति मिल जाती है।
घर में गीता रखने के नियम
- श्रीमद्भागवत गीता बहुत पवित्र ग्रंथ है इसलिए इसे साफ-पवित्र स्थान पर ही रखें।
- कभी बिना नहाए, गंदे हाथों, या मासिक धर्म में गीता को स्पर्श नहीं करना चाहिए। बता दें कि इससे व्यक्ति पाप का भागी बनता है और मानसिक-आर्थिक तनाव होने लगते हैं।
- श्रीमद्भागवत गीता को जमीन पर रखकर कभी नहीं पढ़ना चाहिए और साथ ही गीता को एक लाल कपड़े में बाधकर रखें।
- श्रीमद्भागवत गीता पाठ करने के लिए अपने ही आसन का उपयोग करें। दूसरों का आसन नहीं उपयोग करना चाहिए।
- गीता(Geeta Jayanti 2023) का पाठ शुरू करने से पहले भगवान गणेश और श्री कृष्ण का स्मरण करें।
- दिन में कभी भी गीता का पाठ कर सकते हैं पर अगर कोई अध्याय शुरू किया है तो उसे बीच में न छोड़े।
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