Ganga Saptami : आज है गंगा सप्तमी, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली: आज यानी 14 मई मंगलवार को गंगा सप्तमी मनाई जा रही है. बता दें कि गंगा सप्तमी को हिंदू धर्म में सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. इस दिन को गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार गंगा सप्तमी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष […]

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Ganga Saptami : आज है गंगा सप्तमी, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Shiwani Mishra

  • May 14, 2024 9:34 am Asia/KolkataIST, Updated 6 months ago

नई दिल्ली: आज यानी 14 मई मंगलवार को गंगा सप्तमी मनाई जा रही है. बता दें कि गंगा सप्तमी को हिंदू धर्म में सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. इस दिन को गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार गंगा सप्तमी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है.

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Ganga Saptami 2024

बता दें कि उत्तर भारत में गंगा सप्तमी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. दरअसल हिंदू धर्म में गंगा नदी पवित्र नदियों में से एक है,देवी के रूप में इसकी पूजा और आराधना की जाती है. वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि देवी गंगा को समर्पित है, और इसे जाह्नु सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है.

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गंगा सप्तमी की महत्व

गंगासप्तमी का हिंदुओं में बहुत महत्व है. गंगा को सबसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है. देवी गंगा को शुभ्रा, गंगे भागीरथी और विष्णुपदी जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. विष्णुपदी का नाम इसलिए रखा गया क्योंकि ये पहली बार विष्णु के चरणों में प्रकट हुई थी, और माना जाता है कि गंगा जल में सभी रोगों को ठीक करने की शक्ति होती है. जो भक्त गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं, उन्हें पिछले पापों से मुक्ति मिलती है, गंगा जल नकारात्मकता से बचाता है.

गंगा सप्तमी तिथि और शुभ मुहूर्त

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गंगा सप्तमी

सप्तमी तिथि की समाप्ति – 14 मई, 2024 को शाम 06:49 बजे

गंगा सप्तमी मध्याह्न शुभ मुहूर्त – सुबह 11:26 बजे से दोपहर 02:19 बजे तक
अवधि – 02 घंटे 53 मिनट

1. गंगा सप्तमी पर गंगा स्नान, इसके बाद की पूजा विधि.
2. गंगा सप्तमी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर सभी कार्यों से निवृत्त हो जाएं.
3. फिर गंगा नदी में स्नान करें और नदी में स्नान संभव न हो तो गंगाजल नहाने के पानी में मिलाएं.
4. गंगा नदी में स्नान के समय सूर्य देव को अर्घ्य अवश्य दें.
5. सूर्य अर्घ्य के बाद भगवान शिव का ध्यान कर उनके मंत्रों का जाप करें.
6. फिर ‘हर हर गंगे’ का उच्चारण करते हुए नदी में क्षमता अनुसार डुबकी लगाएं.
7. संभव हो तो तीन डुबकी अवश्य लगाएं। इससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
8. मां गंगा को दूध चढ़ाएं, फिर मां गंगा को धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें.
9. मां गंगा की आरती उतारें और क्षमता अनुसार दान करें.

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