Ganga Dussehra 2018: इस बार गंगा दशहरा 24 मई को पड़ रहा है. गंगा दशहरा का पर्व कई मायनों में खास होता है. हर बार यह ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. इस दिन दान व स्नान का विशेष महत्व होता है.
नई दिल्ली. गंगा दशहरा का पर्व कई मायनों में खास होता है. हर बार यह ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. इस दिन के लिए यह मान्यता है कि धरती पर हस्त नक्षण में अवतरण हुआ था. इस बार 24 मई को गंगा दशहरा है इसस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है और भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाएंगे. इस दिन दान व स्नान का खास महत्व होता है.
गंगा दशहरा पर दान के साथ साथ उपवास किया जाता है. श्रद्धालु सारा दिन व्रत कर भगवान की पूजा अर्चना करते हैं और गंगा किनारे स्नान करते हैं. शाम को बह्माण को भोजन करवा कर अंत में अपना व्रत खोलते हैं. इस पर्व को दस तरह के पापों को हरने वाला व्रत कहा जाता है इसी वजह से दशहरा कहा जाता है. इन दस तरह के पापों में तीन कायिक, चार वाचिक और तीन मानसिक पाप होते हैं.
जानिए गंगा दशहरे का महत्व
हिंदू धर्मशास्त्र के मुताबिक, जब गंगा माता धरती पर आईं तो भागीरथी की तपस्या खत्म हुई थी. इस दिन ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी थी. दशमी और गंगा माता के प्रकट होने की वजह से इस पर्व का नाम गंगा दशहरा पड़ा. इस पर्व पर श्रद्धालु मां गंगा की पूजा की जाती है, इस दौरान भक्त गंगा पर गंगा पाठ करते हैं.
गंगा दशहरे पर ऐसे करें पूजा
इस दिन मां गंगा की कृपा पाने के लिए भक्तों को किसी पवित्र नदी में खड़े होकर गंगा आरती और गंगा मंत्र करना चाहिए. इस पूजा में ‘ऊं नमह शिवाये नारायनये दशहराये गंगाये नमह’ का जाप करें. इसके बाद हाथों में फूल लें और उस नदी में अर्पित कर दें.
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