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गणेश चतुर्थी पर इस विधि से करें गणपति बाप्पा की पूजा, घर आएंगी ऋद्धि-सिद्धि

गणेश चतुर्थी पर इस विधि से करें गणपति बाप्पा की पूजा, घर आएंगी ऋद्धि-सिद्धि

  • WRITTEN BY: Aanchal Pandey
  • LAST UPDATED : August 24, 2022, 9:57 pm IST
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नई दिल्ली, गणेश उत्सव हिंदूओं का बड़ा त्योहार है, भाद्रपद मॉस के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की स्थापना की जाती है. 10 दिन तक मनाए जाने वाला गणेश उत्सव इस साल 31 अगस्त 2022 से शुरु होगा और अनंत चतुदर्शी यानी कि 9 सितंबर 2022 को गणपत्ति बप्पा के विसर्जन के साथ ये उत्सव खत्म हो जाएगा. इस साल गणेश चतुर्थी पर बहुत खास योग बन रहा है, जो इस दिन के महत्व को दोगुना बढ़ा रहा है. आइए आपको बताते है गणेश चतुर्थी का शुभ योग और महत्व:

शुभ मुहूर्त

31 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट के बीच भगवान गणेश की पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त है. इस दिन सुबह 05 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक रवि योग है, वहीं यह योग शुभ कार्यों को करने के लिए अनुकूल माना गया है.

पूजा विधि

गणेश चतुर्थी पर आपको गणपति की स्थापना नियमो के अनुरूप ही करनी चाहिए, मूर्ति स्थापना की विधि इस प्रकार है-

सबसे पहले चौकी पर जल छिड़कें और इसे शुद्ध कर लें.
इसके बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत छिड़क दें.
फिर भगवान गणेश की मूर्ति को इस चौकी पर स्थापित करें.
अब भगवान गणेश जी को स्नान कराएं या गंगाजल छिड़कें.
मूर्ति स्थापित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि मूर्ति के दोनों ओर ऋद्धि-सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी ज़रूर रखें।

पूजा का महत्व

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के छोटे पुत्र भगवान गणेश का जन्म हुआ था और इस दिन को गणेश चतुर्थी के तौर पर मनाया जाता है. हिंदू धर्म में कुछ भी नया करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. गणपति की पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य शुरू नहीं होता है.

 

 

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