नई दिल्ली, गणेश चतुर्थी भारत में मनाए जानें वाले प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है, इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी देश में मनाया जाता है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजा की जाती है और इसी दिन को भगवान गणेश की पूजा के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.
11 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में लोग घरों में विधिपूर्वक गणपति की स्थापना करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश को विदा करते हैं, महाराष्ट्र में तो इस उत्सव की अलग ही धूम देखने को मिलती है. उदय तिथि के आधार पर 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा, वहीं ये मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए, माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा देखना अशुभ माना जाता है.
31 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट के बीच भगवान गणेश की पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त है. इस दिन सुबह 05 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक रवि योग है, वहीं यह योग शुभ कार्यों को करने के लिए अनुकूल माना गया है.
31 अगस्त को गणपति बाप्पा की स्थापना की जीएगी. 31 की सुबह 11 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 38 मिनट के बीच गणपति की स्थापना की जा सकती है. इसके बाद 9 सितंबर शुक्रवार को पड़ने वाली गणेश चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाएगा.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के छोटे पुत्र भगवान गणेश का जन्म हुआ था और इस दिन को गणेश चतुर्थी के तैर पर मनाया जाता है. हिंदू धर्म में कुछ भी नया करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. गणपति की पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य शुरू नहीं होता है.
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