नई दिल्ली, Ganesh utsav 2022: गणेश उत्सव हिंदूओं का बड़ा त्योहार है, भाद्रपद मॉस के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की स्थापना की जाती है. 10 दिन तक मनाए जाने वाला गणेश उत्सव इस साल 31 अगस्त 2022 से शुरु होगा और अनंत चतुदर्शी यानी कि 9 सितंबर 2022 को गणपत्ति बप्पा के विसर्जन के साथ ये उत्सव खत्म हो जाएगा. इस साल गणेश चतुर्थी पर बहुत खास योग बन रहा है, जो इस दिन के महत्व को दोगुना बढ़ा रहा है. ये तो सभी को पता है कि गणपति की जी की दो पत्नियां थी, लेकिन गणपति जी की शादी कब और कैसे हुई उसके बारे में आइए आपको बताते हैं:
पौराणकि कथा के मुताबिक, एक बार गणेश जी को तपस्या में लीन देखकर तुलसी जी उन पर मोहित हो गई थी, तभी तुलसी जी ने गणपति जी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा लेकिन गणेश जी ने खुद को ब्रह्मचारी बताते हुए शादी करने से मना कर दिया था. गणपति जी की बात सुनकर तुलसी जी क्रोधित हो गईं और उन्होंने गजानन को श्राप दे दिया कि तुम्हारी दो शादियां होंगी.
एक दूसरी कथा के मुताबिक भगवान गणेश की शरीर की बनावट के चलते उनसे भी शादी को तैयार नहीं था और शादी नहीं होने के कारण गणपति जी देवी-देवताओं के विवाह में विघ्न डालने लगे. ऐसे में देवतागण अपनी परेशानी लेकर ब्रह्माजी के पास पहुंचे. ब्रह्माजी ने अपनी दो मानस पुत्रियों रिद्धि और सिद्धि को गणेश जी से शिक्षा लेने के लिए उनके पास भेजा और जब गणेश जी के समक्ष किसी के विवाह की सूचना पहुंचती तो रिद्धि और सिद्धि उनका ध्यान भटका देती.
ऐसे में, सभी विवाह बिना विघ्न के संपन्न हो गए, लेकिन जब इस बात का पता गणेश जी को लगा तो वो रिद्धि और सिद्धि पर क्रोधित होकर उन्हें श्राप देने लगें, उसी दौरान ब्रह्मा जी ने गणपति के सामने रिद्धि-सिद्धि से विवाह करने प्रस्ताव रखा, ब्रह्मा जी के इस प्रस्ताव को गणेश जी ने इसे स्वीकार कर लिया. इस तरह गणपति की दो पत्नियां हुईं रिद्धि और सिद्धि.
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