Ganesh Chaturthi 2021 महाराष्ट्र में गणेशोत्सव ( Ganesh Chaturthi 2021 ) की धूम अलग ही देखने को मिलती है. यह पर्व महाराष्ट्र समेत पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है, शास्त्रों के अनुसार गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है इसलिए किसी भी देवी-देवता की पूजा से पहले गणेश जी की […]
महाराष्ट्र में गणेशोत्सव ( Ganesh Chaturthi 2021 ) की धूम अलग ही देखने को मिलती है. यह पर्व महाराष्ट्र समेत पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है, शास्त्रों के अनुसार गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है इसलिए किसी भी देवी-देवता की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का पुराणों में विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन से गणेशोत्सव का शुभारम्भ होता है और यह पूरे देश में 10 दिनों तक बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है.
पूरे देश में गणेशोत्सव की धूम है, लेकिन महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की धूम अलग ही देखने को मिलती है. यूँ तो पूरे देश में गणेशोत्सव के समय गणपति पूजन किया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र के लालबागचा राजा और सिद्धि विनायक की सबसे ज़्यादा मान्यता है. यह माना जाता है कि लाल बागचा राजा से जो भी मनोकामनाएं दिल से मांगी जाए वो सभी पूरी होती हैं. ऐसा माना जाता है कि लालबागचा राजा एक नवसाचा गणपति हैं (जिसका अर्थ है जो सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं) और हर साल यहां 10 दिनों के दौरान कई लाख श्रद्धालू आते हैं, कई श्रद्धालुओं का तो ऐसा कहना है कि उनकी मुरादें यहाँ आकर पूरी हुई हैं. कहा जाता है कि 1932 में पेरु चॉल मार्केटप्लेस बंद हो गई थी और उसी के चलते यहां रहने वाले मछुआरों और विक्रेताओं, जिन्हें अपना सारा सामान, सारा माल बेचना पड़ा था, ने बाजार फिर से बन जाने पर कसम खाई थी कि वह भगवान गणेश को एक स्थायी स्थान देंगे और अपने वादे के मुताबिक बाजार बनने के बाद, यहां रहने वालों ने मछुआरों और ट्रेडर्स ने ठीक 2 साल बाद यानी 12 सितंबर 1934 में गणेश जी की प्रतिमा यहां स्थापित की थी.