13 सितंबर को गणेश चतुर्थी को धूमधाम से मनाया जाएगा. ऐसे में दिल्ली के लक्ष्मी नगर में 'दिल्ली के महाराजा' नामक एक पंडाल का आयोजन किया जाएगा जो पूरी तरह ईको फ्रेंडली होगा. यहां पर्यावरण अनुकूल गणेश मूर्ति का उपयोग किया जाएगा. इसके साथ ही पंडाल में ही बप्पा का विसर्जन किया जाएगा जिससे यमुना नदी में प्रदुषण न बढ़े.
नई दिल्ली. देश में 13 सितंबर को धूमधाम से गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. ऐसे में दिल्ली की एक मंडली इस गणेश चतुर्थी कुछ अलग करने जा रही है. दरअसल इस विसर्जन श्री गणेश मंडल ईको फ्रेंडली गणेश चतुर्थी मनाएगी. ऐसे में श्रद्धालुओं को स्वादिष्ट मोदक के साथ-साथ पौधे भी दिए जाएंगे. इसके साथ ही बप्पा श्री गणेश की स्थापना भी पंडाल के भीतर किया जाएगा जिससे यमुना नदी में होने वाले प्रदुषण को रोका जाए.
मिली जानकारी के अनुसार, लक्ष्मी नगर में दिल्ली के महाराजा का आयोजन करने वाले श्री गणेश मंडल के संस्थापक महेंद्र लड्डा कहते हैं, हम पिछले 16 सालों से गणपति पूजा मना रहे हैं, ऐसे में पिछले चार पहले से हमने पर्यावरण-अनुकूल गणेश मूर्ति का उपयोग किया था. इसके साथ ही यमुना को प्रदूषित करने और यातायात जाम को कम करने के लिए हमने पंडल में खुद विजनन की प्रथा भी शुरू की. और फिर हमने सोचा, ‘प्रदूषण हमारे पर्यावरण को पहले ही खराब कर चुका है जिसके बाद इस प्रदूषण से लड़ने के लिए हमने पौधों का उपयोग अपने हथियारों के रूप में करने का फैसला किया.
महेंद्र लड्डा ने आगे कहा कि हम अपने गणेश पांडाल को 4,500 पौधे के साथ सजा रहे हैं, जो विसर्जन के बाद प्रसाद के साथ आगंतुकों को वितरित किए जाएंगे. यह सुनिश्चित करना है कि हम अपनी भविष्य की पीढ़ियों के लिए कुछ करें, ताकि वो प्रकृति को समाप्त करने के लिए हमें शाप न दें.
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