Eid ul Fitr 2019 Namaz Time: सऊदी अरब में मंगलवार यानी 4 जून को ईद उल फितर का त्योहार मनाया गया. इसके बाग बुधवार 5 मई यानी आज भारत में ईद की नमाज पढ़ाई जाएगी. मीठी ईद का त्योहार पैंगबर हजरत मुहम्मद को बद्र के युद्ध में मिली जीत की खुशी में मनाया जाता है.
नई दिल्ली. सऊदी अरब में मंगलवार 4 जून को ईद उल फितर का त्योहार मनाया गया है. भारत में बुधवार यानी आज 5 जून की सुबह मीठी ईद की नमाज पढ़ाई जाएगी. इस्लाम के नौंवे महीने रमजान के पूरा होने के बाद 10वें महीने शव्वाल के पहले दिन ईद मनाई जाती है. कहा जाता है कि पैंगबर हजरत मुहम्मद को बद्र के युद्ध में मिली जीत की खुशी में इस त्योहार को मनाया जाता है. ईद का त्योहार प्रेम और भाईचारे का त्योहार है जिसमें सभी लोग दुश्मनी भूलकर एक दूसरे को गले लगाकर बधाई देते हैं. एक दूसरे को घर पर बुलाकर सेंवईं समेत तमाम तरह के लजीज व्यंजन खिलाए जाते हैं.
चांद रात पर ईद का चांद दिखने के बाद होती है त्योहार की घोषणा
बरकतों के माह रमजान के बाद आने वाले ईद उल फितर चांद के अनुसार मनाई जाती है. यानी रमजान के आखिरी रोजे की शाम ईद का चांद नजर आता है जिसके बाद ईद की घोषणा की जाती है. इस शाम को चांद रात कहा जाता है. जिसकी अगली सुबह ईद की नमाज पढ़ाई जाती है. वैसे तो ईद की नमाज हर गांव और शहर की ईदगाहों पर आयोजित कराई जाती है लेकिन कई जगहों पर मस्जिदों के अंदर भी ईद की नमाज पढ़ाई जाती है.
ईद की नमाज में की जाएगी दुनिया में चैन-अमन की दुआ
भारत में बुधवार सुबह ईद की नमाज पढ़ी जाएगी. हर एक जगह पर नमाज का अलग समय होता है. अलग-अलग मस्जिदों में सुबह 6 बजे से लेकर 10 बजे तक ईद की नमाज का आयोजन होता है. सीधा समझें तो जैसे लखनऊ की बड़ी मस्जिद में ईद की नमाज 9 बजे पढ़ाई गई तो जरूरी नहीं दिल्ली की जामा मस्जिद में भी ईद की नमाज का यही समय हो. वहीं ईद की नमाज आम नमाज से थोड़ी अलग होती है और अलग ढंग से पढ़ी जाती है. ईद की नमाज के होने के बाद पेश इमाम दुनिया में चैन और अमन की दुआ करते हैं. दुआ के बाद लोग ईदगाह से एक दूसरे के घर जाकर सेंवईं खाकर मुंह मीठा करते हैं.
ईद उल फितर पर दान का भी विशेष महत्व
ईद के पाक त्योहार पर दान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग गरीब जरूरतमंदों को दान देते हैं. ईद से पहले रमजान के पवित्र महीने में भी काफी दान दिया जाता है जिसे जकात और फितरा भी कहा जाता है. ईद से पहले गरीबी लोगों को ईद मनाने के लिए भी काफी लोग मदद के लिए सामने आते हैं.