नई दिल्ली. इस्लाम का पवित्र त्योहार ईद उल अजहा 2019 सोमवार 12 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा. बाजारों में चहलकदमी बढ़ने लगी है. बकरीद के मौके पर कुर्बानी देने का खास महत्व है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की इबादत में बकरे या भेड़ की कुर्बानी दी जाती है. कुर्बानी के बाद गोश्त के अधिकतर हिस्सों को गरीबों में तकसीम किया जाता है. हालांकि, इस्लाम में कुर्बानी देने से पहले कई बड़े नियम बताए हैं जिनका पालन करना हर हाल में जरूरी होता है. जानिए बकरीद पर कुर्बानी करने से पहले जरूरी नियम.
1. सबसे पहले तो यह जान लें कि कुर्बानी के बकरे की कीमत का कोई फर्क नहीं है. आप बकरा दो हजार का खरीदें या दो लाख रुपए का, अल्लाह के घर सब बराबर है बस मतलब है कुर्बानी करने वाले शख्स के जज्बे से.
2. यहां आपको यह जानना भी जरूरी है कि अगर आप अपनी पूरी कमाई ढ़ाई फीसदी हिस्सा दान में देते हैं. इसके साथ ही आप किसी भी समाजिक कार्य जिससे लोगों को भला होता हो उसके लिए आप धन के साथ आगे रहते हों तो आपके लिए कुर्बानी वाजिब नहीं है.
3. कुर्बानी देने से पहले याद कर लें कि आपके ऊपर किसी का कर्ज तो नहीं. अगर आपके ऊपर किसी दूसरे का किसी भी तरह का कर्ज है तो उसे चुकाने के बाद कुर्बानी करें, वरना यह मान्य नहीं होगी.
4. कुर्बानी से पहले ख्याल रखें कि उस पशु को कोई शारीरिक बीमारी या भैंगापन हो. कान या सींग का ज्यादातर हिस्सा टूटा हो तो उसकी कुर्बानी नहीं दी जा सकती है. साथ ही अगर पशु छोटा है तो उसकी कुर्बानी भी मना है.
5. सबसे खास बात, कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है. पहला हिस्सा गरीबों के लिए, दूसरा सगे-संबंधियों के लिए और तीसरा अपने लिए. हालांकि, अधिकतर लोग कुर्बानी का पूरा गोश्त गरीबों में बांट देते हैं.
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