नई दिल्ली. भारतीय संस्कृति में कई अलग-अलग पर्वों को मनाया जाता है जिसमें दशहरा को काफी ज्यादा खास बताया गया है. नवरात्रि के नौ दिन पूरे होने के बाद अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथी को दशहरा मनाया जाता है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था और दुर्गा माता ने 9 रात और 10 दिन के युद्ध में राक्षक महिषासुर को हराया था.
दशहरा को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है. इसी वजह से दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी पुकारा जाता है. मान्यता है कि दशहरा साल की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है. वहीं चैत्र शुक्ल और कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा अन्य दो शुभ तिथी बताई गई हैं.
दशहरा के दिन शस्त्र पूजा और नए काम को शुरू करने का विधान है. कहा जाता है कि विजयदशमी पर जो भी काम शुरू किए जाते हैं वे जरूर ही सफल होते हैं. प्राचीन काल में राजा-महाराजा भी इसी दिन युद्ध में विजय की कामना कर रण के लिए निकलते थे. समाज और व्यक्ति के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए भी दशहरा का पर्व मनाया जाता है. यह त्योहार दस तरह के पाप- काम, क्रोध, मोह, लोभ, मद, मत्सर, अंहकार, आलस्य, चोरी और हिंसा के परित्याह की प्रेरणा देता है.
भगवान राम की विजय के रूप में दशहरा और मां दुर्गा के रूप में दुर्गा पूजा की जाती है. दोनों ही रूपों में यह शक्ति पूजा का पर्व है और शस्त्र पूजन की सबसे शुभ तिथि है. दशहरा के समय पर देशभर में मेले का भी आयोजन किया जाता है. इन मेलों में रामलीला का कार्यक्रम भी आयोजित कराया जाता है.
Karwa Chauth 2019: पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाएं, रखें इन बातों का खास ध्यान
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले पोस्टर वार जारी है. एक तरफ…
इसके अलावा उन्होंने बताया कि ओम पुरी ने अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए…
भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा अपनी निजी जिंदगी इन दिनों सुर्खियों…
नएवर्ष 2025 के लिए बाबा वेंगा ने एक डरावानी भविष्यवाणी की है। जिसमे उन्होंने बताया…
नूडल्स को चाऊमीन के तौर पर खाया जाता है. लेकिन जब इसे तला जाता है…
सोशल मीडिया पर लोगों को झगड़े के कई वीडियो वायरल होते रहते हैं। इन वीडियो…