Dussehra 2020 Date: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा का पर्व इस वर्ष 25 अक्टूबर 2020 को पड़ेगा. हालांकि कोरोना के चलते दशहरा स्थल पर ज्यादा लोगों के जुटने पर मनाही होगी. बता दें कि दशहरा के दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में रावण के पुतले का दहन किया जाता है और मेले का आयोजन किया जाता है.
Dussehra 2020 Date: दशहरा हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत और असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता. हर साल यह पर्व आश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है. पूरे देश में विजयादशी के दिन रावण के पुतले को फूंकने की परंपरा है. आइए जानते हैं इस साल यह त्योहार किस तारीख को मनाया जाएगा और इसका धार्मिक महत्व क्या है.
इस दिन पड़ेगा दशहरा
इस साल विजया दशमी पर्व 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस साल मलमास (अधिकमास) लगने की वजह से नवरात्रि और दशहरा पर्व एक महीने देर से आ रहे हैं. 17 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रही है. जबकि 24 अक्टूबर को रामनवमी है.
शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि प्रारंभ – 25 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 41 मिनट से
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 40 तक
अपराह्न पूजा मुहूर्त – 01 बजकर 11 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक
दशमी तिथि समाप्त – 26 अक्टूबर को सुबह 8 बजकर 59 मिनट तक रहेगी
इस बार आठ दिनों में ही बीत जाएंगे नवरात्र
इस बार नवरात्र आठ दिन के होंगे. अष्टमी और नवमी तिथियों को दुर्गापूजा एक ही दिन होगी. 24 अक्तूबर को सवेरे छह बजकर 58 मिनट तक अष्टमी है और उसके बाद नवमी लग जाएगी.
दशहरे के दिन होती है शस्त्र पूजा
दशहरे के दिन शस्त्र पूजा का विधान है. सनातन परंपरा में शस्त्र और शास्त्र दोनों का बहुत महत्व है. शास्त्र की रक्षा और आत्मरक्षा के लिए धर्मसम्म्त तरीके से शस्त्र का प्रयोग होता रहा है. प्राचीनकाल में क्षत्रिय शत्रुओं पर विजय की कामना लिए इसी दिन का चुनाव युद्ध के लिए किया करते थे. पूर्व की भांति आज भी शस्त्र पूजन की परंपरा कायम है और देश की तमाम रियासतों और शासकीय शस्त्रागारों में आज भी शस्त्र पूजा बड़ी धूमधाम के साथ की जाती है.
धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, दशहरा के दिन प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया था. एक और मान्यता के अनुसार इसी दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध भी किया था. विजय के प्रतीक दशहरा वाले दिन देश भर में अस्त्र-शस्त्र की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन जो भी काम किया जाता है, उसका शुभ लाभ अवश्य प्राप्त होता है.
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