नई दिल्ली : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होगी। अमावस्या तिथि से पितृ पक्ष का समापन होगा। पितृ पक्ष में हिंदू धर्म के लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं। पितृ पक्ष के दिनों में लोग अपने पूर्वजों को जल अर्पित करते हैं और उन्हें याद करते […]
नई दिल्ली : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होगी। अमावस्या तिथि से पितृ पक्ष का समापन होगा। पितृ पक्ष में हिंदू धर्म के लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं। पितृ पक्ष के दिनों में लोग अपने पूर्वजों को जल अर्पित करते हैं और उन्हें याद करते हैं। इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर 2024 से शुरू होने जा रहे हैं। पितृ पक्ष 2 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगा। मान्यताओं के अनुसार अगर आपके पूर्वज आपसे खुश और संतुष्ट हैं तो इसके संकेत पितृ पक्ष के दौरान मिलने लगते हैं।
यदि घर में लगा कोई मुरझाया या मर चूका पौधा पितृपक्ष में अचानक हरा-भरा हो जाए. तो यह भी आपके पितरों के खुश होने का संकेत होता है। यह संकेत इशारा करता है कि आपके पितरों की कृपा दृष्टी आप पर और आपके परिवार पर बानी हुई है।
सपने में मृत पूर्वजों को खुश देखना भी संकेत करता है की आपके पितृ आपसे खुश हैं। ऐसा सपना तरक्की का सूचक भी होता है।
पितृ पक्ष के दौरान घर में चींटियों का आना बहुत शुभ माना जाता है। यह भी पितरों के खुश होने का संकेत है। जिस जगह से चींटियां निकल रही हों, वहां थोड़ा आटा छिड़क देना चाहिए।
पितृ पक्ष के दौरान अगर कोई कौआ आपके घर आकर कांव-कांव करता है तो इसे भी पितरों के खुश होने का संकेत माना जाता है। अगर कोई जानवर आपके द्वारा रखे गए खाने को बड़े प्यार से खाकर वहां से चला जाता है तो इसे भी शुभ संकेत माना जाता है।
पितृपक्ष में अगर कोई भूखा या जरूरतमंद व्यक्ति आपके पास आकर भोजन या अन्ना मांगे, तो उसकी मदद जरूर करनी चाहिए। यह भी पितरों के खुश होने का बहुत शुभ संकेत माना जाता है.
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