Durga saptashati Sampurn Path Vidhi: सबसे पहले खुद को नर्मदा के जल या गंगा जल से प्रोक्षण करें और फिर आचमन करें. इसके बाद आपको संकल्प करना है और चौथा आपको उत्कीलन करना है. इन चार चरणों के बाद पांचवा चरण आता है शापोद्धार, छठा है कवच, सातवां है अर्गला स्तोत्र, आठवां है कीलक, नौवां है सप्तशी के 13 अध्याय और दसवां है मूर्ति रहस्य, ग्यारहवा है सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ और आखिरी है.
नई दिल्ली: Durga saptashati Sampurn Path Vidhi: देशभर में इन दिनों नवरात्र का पवित्र त्योहार चल रहा है. नवरात्र के मौके पर भक्त हर तरीके से मां दुर्गा को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. व्रत और उपवास रखना भी मां को प्रसन्न करने के एक तरीके के रूप में जाना जाता है. मां को प्रसन्न करने का एक और तरीका है और वो ये कि आप नवरात्र के दिनों में आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. ऐसा कहा जाता है कि बिना दुर्गा सप्तशती का पाठ किए बिना मां की उपासना अधूरी रहती है.
हमारे शास्त्रों में भी दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले साधक को मां भगवती की सीधी कृपा मिलती है और जिदंगी में चमत्कारी लाभ मिलते हैं. अगर आपके भीतर भी मां भगवती को प्रसन्न करने की इच्छा है और आप थोड़े से शारीरिक कष्ट के लिए तैयार हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं कैसे मां दुर्गा के दुर्गा सप्तशीत का पाठ एक ही दिन में पूरा किया जा सकता है.
पहले दिन आप दुर्गा सप्तशती के पहले अध्याया पाठ करें, दूसरे दिन दूसरे और तीसरे अध्याय का पाठ करें. तीसरे दिन चौथे और चौथे दिन पांचवे, छठे, सातवें और आठवें अध्याय का पाठ करें. पांचवे दिन आप 9वें और 10वें अध्याय का पाठ करें.
नवरात्र के छठे दिन 11वां और सातवें दिन 12वें और 13वें अध्याय का पाठ करें. दुर्गा पूजा की अष्टमी के दिन आप मूर्ति रहस्य और हवन साथ ही मां से क्षमा प्रार्थना करें. नौवें दिन कन्याभोज करें और श्रद्धापूर्वक मां को भोग लगाकर कन्या को आदर पूर्वक और पूरे भक्तिभाव से जिमाएं.
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