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द्रोणाचार्य का वध करने के लिए द्रौपदी ने नहीं किया कर्ण से विवाह, पांचाली की ये 4 मजबूरियां जानकर चौंक जाएंगे

पदी के जन्म की एक कथा है। जिसके अनुसार, राजा द्रुपद ने द्रोणाचार्य का अपमान किया था। इस अपमान के कारण द्रोणाचार्य ने पांडवों की मदद से द्रुपद को कैद कर लिया था। ऐसे में द्रोणाचार्य को मारने के लिए राजा द्रुपद ने ब्राह्मणों की मदद से एक यज्ञ किया, जिसकी मदद से उनकी दो संतानें हुईं, जिनके जन्म का उद्देश्य द्रोणाचार्य का वध करना था।

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Draupadi Interesting Facts
  • November 24, 2024 12:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: जब भी इस महाभारत महाकाव्य की बात आती है तो द्रौपदी को लेकर कई सवाल उठते हैं। पांडवों से उनका विवाह, कौरवों द्वारा द्रौपदी का चीरहरण, भगवान कृष्ण द्वारा उनका उद्धार और द्रौपदी का कर्ण से विवाह न करने का कारण जैसे कई सवाल अक्सर लोगों के मन में रहते हैं। इनमें सबसे अहम सवाल यह है कि द्रौपदी ने कर्ण से विवाह क्यों नहीं किया? कर्ण हर मामले में अर्जुन से बेहतर था। इसके बावजूद द्रौपदी ने अर्जुन को ही पति के रूप में क्यों चुना।

द्रोणाचार्य को राजा द्रुपद को किया कैद

दरअसल, द्रौपदी के जन्म की एक कथा है। जिसके अनुसार, राजा द्रुपद ने द्रोणाचार्य का अपमान किया था। इस अपमान के कारण द्रोणाचार्य ने पांडवों की मदद से द्रुपद को कैद कर लिया था। ऐसे में द्रोणाचार्य को मारने के लिए राजा द्रुपद ने ब्राह्मणों की मदद से एक यज्ञ किया, जिसकी मदद से उनकी दो संतानें हुईं। पुत्र का नाम धृष्टद्युम्न और पुत्री का नाम द्रौपदी रखा गया, जिनके जन्म का उद्देश्य द्रोणाचार्य का वध करना था। यही कारण था कि राजा द्रुपद द्रौपदी के लिए ऐसे वर की तलाश कर रहे थे जो युद्ध कला में द्रोणाचार्य को हरा सके।

इस कारण द्रौपदी ने नहीं किया विवाह

-द्रौपदी के कर्ण से विवाह न करने का पहला कारण यह था कि वह दुर्योधन का मित्र था। क्योंकि कर्ण दुर्योधन का मित्र था, इसलिए वह द्रोणाचार्य का वध नहीं करेगा।

-द्रौपदी के कर्ण से विवाह न करने का एक कारण यह भी था कि वह एक सूतपुत्र (सारथी का पुत्र) के रूप में जाना जाता था, कोई नहीं जानता था कि वह कुंती का पुत्र है।

– द्रौपदी के कर्ण से विवाह न करने का एक कारण उसका मित्र यानी श्रीकृष्ण भी थें।  श्री कृष्ण ने स्वयं द्रौपदी को कर्ण से विवाह करने से मना किया था और उसने कभी भी उनके अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया। इसलिए, उसने कर्ण से विवाह नहीं किया।

-द्रौपदी द्वारा कर्ण से विवाह न करने का चौथा कारण यह था कि उसने अपने पिछले जन्म में भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी। वह चाहती थी कि उसका पति धर्मों का ज्ञाता, धनुर्धर, अश्व चिकित्सक, गदाधारी और भविष्य का जानकार हो।

जब अर्जुन द्रौपदी को वरमाला पहनाकर घर लाए, तो कुंती ने गलती से उनसे उसे पांचों पांडव भाइयों में बांटने के लिए कहा। जिसके बाद द्रौपदी के पांच पति हुए। इनमें युधिष्ठिर धर्मों के ज्ञाता, भीम गदाधारी, अर्जुन धनुर्धर, नकुल भविष्य के ज्ञाता और सहदेव अश्व चिकित्सक थे। ये सभी भगवान शिव द्वारा दिए गए वरदान के अनुसार ही थे।

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