Mahabharat: हिन्दुओं के प्रमुख काव्य ग्रंथ महाभारत को ‘पंचम वेद’ कहा गया है। महाभारत में एक से बढ़कर एक धुरंधरों का उल्लेख है। पांच पांडवों की पत्नी द्रौपदी महाभारत का अहम पात्र है। कहा जाता है कि महाभारत युद्ध होने का सबसे बड़ा कारण द्रौपदी ही थीं। आज हम जानेंगे द्रौपदी के पूर्व जन्म की […]
Mahabharat: हिन्दुओं के प्रमुख काव्य ग्रंथ महाभारत को ‘पंचम वेद’ कहा गया है। महाभारत में एक से बढ़कर एक धुरंधरों का उल्लेख है। पांच पांडवों की पत्नी द्रौपदी महाभारत का अहम पात्र है। कहा जाता है कि महाभारत युद्ध होने का सबसे बड़ा कारण द्रौपदी ही थीं। आज हम जानेंगे द्रौपदी के पूर्व जन्म की कहानी, जब उनके बूढ़े पति ने उन्हें पांच पुरुषों की पत्नी होने का श्राप दिया था।
महाभारत में मुद्गल नामक एक ऋषि का वर्णन है। वो कुरुक्षेत्र में अपनी पत्नी नलयनी, जो इन्द्रसेना के नाम से जानी जाती थीं, के साथ रहते थे। मुद्गल ऋषि बूढ़े थे और उन्हें कोढ़ हो गया था। नलयनी युवा थीं साथ ही पतिव्रता भी। कहा जाता है कि वृद्धावस्था होने के बाद भी वो अपनी युवा पत्नी को शारीरिक सुख देने की पूरी कोशिश करते थे। मुद्गल ऋषि ने पर्वत , फूलदार पेड़ आदि बनकर अपनी पत्नी के साथ कामुक जीवन बिताया। कई वर्षों बाद जब वो थक गए तो अपने पुराने जीवन शैली में लौट गए।
नलयनी ने अपने पति से प्रार्थना की कि वो कुछ समय तक और उनके साथ यौन संबंध बनाये। अपनी पत्नी की यह कामुक अवस्था देखकर ऋषि क्रोधित हो गए और उन्हें पांच पुरुषों से शरीरिक इच्छा पूरी करने का श्राप दे दिया। उन्होंने कहा कि अगले जन्म में तुम पांचाल के राजा की पुत्री होगी और पांच पुरुष तुम्हारे यौन इच्छा को पूरा करेंगे। इस तरह से नलयनी अगले जन्म में द्रौपदी हुईं और पाँचों पांडव उनके पति हुए।
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