विवाह पंचमी हिंदू धर्म का एक विशेष पर्व है, जो भगवान राम और देवी सीता के विवाह को समर्पित है। इसे विशेष रूप से शादीशुदा जीवन को सुखद बनाने और विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन राम-सीता के आशीर्वाद से हर मनोकामना पूरी हो सकती है
नई दिल्ली: विवाह पंचमी हिंदू धर्म का एक विशेष पर्व है, जो भगवान राम और देवी सीता के विवाह को समर्पित है। इसे विशेष रूप से शादीशुदा जीवन को सुखद बनाने और विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन राम-सीता के आशीर्वाद से हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
इस दिन भगवान राम और माता सीता की मूर्तियों या चित्रों का पूजन करें। उन्हें फूल, तुलसी के पत्ते, और मिठाई अर्पित करें। इसके साथ “सीता-राम” मंत्र का 108 बार जाप करें।
विवाह पंचमी के दिन “रामचरितमानस” के बालकांड का पाठ करना शुभ होता है। इससे भगवान राम और माता सीता की कृपा प्राप्त होती है।
विवाहित महिलाएं इस दिन गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को सिंदूर, चूड़ी, साड़ी और अन्य सुहाग सामग्री का दान करें। इससे वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
विवाह पंचमी के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाकर दीपक जलाने से दांपत्य जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
– अविवाहित लोग इस दिन मंदिर में भगवान राम-सीता का पूजन करें और शिव धनुष की कथा सुनें।
– शादीशुदा जोड़े इस दिन अपने जीवनसाथी के साथ विशेष प्रार्थना कर सकते हैं, जो वैवाहिक जीवन में शांति और प्रेम बनाए रखने में सहायक है।
– वैवाहिक जीवन में सौहार्द और सुख-शांति आती है।
– अविवाहितों को मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है
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