नई दिल्ली: शरद पूर्णिमा हिन्दू धर्म में एक विशेष पर्व है, जिसे पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से लक्ष्मी माता और चन्द्रमा की पूजा के लिए जाना जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी सबसे सुन्दर होती है, और इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन […]
नई दिल्ली: शरद पूर्णिमा हिन्दू धर्म में एक विशेष पर्व है, जिसे पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से लक्ष्मी माता और चन्द्रमा की पूजा के लिए जाना जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी सबसे सुन्दर होती है, और इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए। आइए, जानते हैं कि इस दिन कौन सी 5 गलतियाँ नहीं करनी चाहिए।
शरद पूर्णिमा के दिन घर की सफाई करना बहुत जरूरी है। घर में साफ-सफाई से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। सफाई न करने से घर में नकारात्मकता आ सकती है, जो पूजा और लक्ष्मी माता की कृपा को प्रभावित कर सकती है।
इस दिन व्रत के दौरान सच्चे मन से ध्यान और श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए। यदि आप सिर्फ दिखावे के लिए व्रत रखते हैं या पूजा करते हैं, तो यह आपकी आस्था को कमजोर करता है। इस दिन सच्चे मन से लक्ष्मी माता और चन्द्रमा की आराधना करें।
शरद पूर्णिमा पर विशेष रूप से खीर बनाने की परंपरा है। इस दिन मीठा और पौष्टिक भोजन करना चाहिए। अत्यधिक तले-भुने या चटपटे भोजन से बचना चाहिए, क्योंकि इससे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है और आपकी पूजा में विघ्न आ सकता है।
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शरद पूर्णिमा पर चन्द्रमा की पूजा करना महत्वपूर्ण है। चांद की रोशनी में खीर रखने और उसकी आरती करने से विशेष लाभ होता है। चन्द्रमा की उपासना न करने से इस दिन का महत्व कम हो जाता है।
इस दिन सकारात्मक सोच और भावनाओं को बनाए रखना चाहिए। नकारात्मक विचार रखने से न केवल मन में अशांति आती है, बल्कि इससे पूजा का प्रभाव भी कमजोर होता है। सकारात्मक सोच से आपको मानसिक शांति और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
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