अध्यात्म

घर के मंदिर में भूलकर भी न रखें इन देवी-देवताओं की मूर्तियां, जानिए इसके पीछे का कारण

नई दिल्ली: घर में मंदिर बनाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कुछ मूर्तियों को गलती से भी घर के मंदिर में नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है और घर की सुख-शांति को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं, किन देवी-देवताओं की मूर्तियां घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए और इसके पीछे के कारण क्या हैं।

1. टूटी या खंडित मूर्तियां

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में टूटी या खंडित मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। यह नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होती हैं और घर में अशांति का कारण बन सकती हैं। टूटी मूर्तियों को घर से तुरंत हटा देना चाहिए और उन्हें किसी पवित्र स्थान पर विसर्जित कर देना चाहिए।

2. रुद्र रूप में भगवान शिव की मूर्ति

भगवान शिव के रुद्र रूप की मूर्ति को घर के मंदिर में नहीं रखना चाहिए। इस रूप में शिव अत्यंत उग्र माने जाते हैं, और इसे घर में रखने से तनाव और कठिनाइयाँ बढ़ सकती हैं। घर में शिव का सौम्य रूप रखना ही उचित होता है, जिससे शांति और समृद्धि बनी रहती है।

3. मां काली की मूर्ति

मां काली का रूप उग्र और विध्वंसकारी माना जाता है। उन्हें शक्तिशाली और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने वाली देवी माना जाता है, इसलिए घर के मंदिर में उनकी मूर्ति रखना सही नहीं होता। यह मंदिर के सौम्य वातावरण में असंतुलन पैदा कर सकता है। मां काली के पूजा के लिए विशेष स्थान और नियम होते हैं, जिन्हें मंदिर में स्थापित नहीं करना चाहिए।

4. दुखी या उदास मुद्रा वाली मूर्तियां

ऐसी मूर्तियां जिनमें देवी-देवता दुखी या उदास मुद्रा में हों, उन्हें घर के मंदिर में स्थापित नहीं करना चाहिए। यह घर में नकारात्मकता और तनाव को आकर्षित करती हैं। देवी-देवताओं की हमेशा प्रसन्न और सौम्य रूप वाली मूर्तियों को ही स्थापित करना चाहिए, जो सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।

5. एक से अधिक गणेश जी की मूर्ति

घर के मंदिर में एक ही गणेश जी की मूर्ति रखना चाहिए। कई जगहों पर लोग दो या अधिक गणेश जी की मूर्ति रखते हैं, जो वास्तु शास्त्र के अनुसार सही नहीं माना जाता है। इससे घर की समृद्धि में बाधा उत्पन्न हो सकती है और शुभता का प्रभाव कम हो जाता है।

इसके पीछे का कारण

वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर एक ऐसा स्थान होता है जहाँ सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। यहां स्थापित की जाने वाली मूर्तियों का उद्देश्य सकारात्मकता और समृद्धि लाना होता है। गलत मूर्तियों को स्थापित करने से मंदिर की ऊर्जा असंतुलित हो जाती है, जिससे घर में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए घर के मंदिर में हमेशा शास्त्रों के अनुसार सही और शुभ मूर्तियों का चयन करना चाहिए।

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Shweta Rajput

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