देवउठनी एकादशी के दिन भूलकर भी न खाएं ये चीजें, जानें क्या करें और क्या न करें

नई दिल्ली:कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने के बाद योगनिद्रा से जागते हैं. जिसके बाद सभी शुभ काम शुरू हो जाते हैं. देवउठनी एकादशी के दिन व्रत का विशेष महत्व है. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने […]

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देवउठनी एकादशी के दिन भूलकर भी न खाएं ये चीजें, जानें क्या करें और क्या न करें

Shikha Pandey

  • November 11, 2024 5:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 week ago

नई दिल्ली:कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने के बाद योगनिद्रा से जागते हैं. जिसके बाद सभी शुभ काम शुरू हो जाते हैं. देवउठनी एकादशी के दिन व्रत का विशेष महत्व है. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस साल देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

देवउठनी एकादशी के दिन क्या ना खाएं

देवउठनी एकादशी के दिन निर्जला या केवल जल आधारित भोजन पर उपवास करने से लाभ मिलता है. इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा मांसाहार या तामसिक भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए.

तुलसी की पत्तियों को तोड़ने से बचें

देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन माता तुलसी व्रत रखती हैं. ऐसे में भोग लगाने से पहले तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लेना चाहिए. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को चढ़ाई गई तुलसी का सेवन न करें.

इन सब्जियों का ना करें सेवन

देवउठनी एकादशी के दिन भूल से भी पालक गाजर, गोभी, शलजम, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि, ऐसा करना अशुभ माना गया है.

देवउठनी एकादशी के दिन क्या करें

देवउठनी एकादशी के दिन सुबह स्नान करें. इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. ऐसा करने के बाद व्रत का संकल्प लें. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी की विधि-विधान से पूजा करें. पूजा के अंत में उनकी आरती भी करें

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