DIWALI PUJA 2023: छोटी दिवाली पर क्यों की जाती है यम और लक्ष्मी की पूजा? जानें

नई दिल्ली: दिवाली भारत का सबसे बड़ा त्यौहार है, जिसकी तैयारी कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती है. इस त्योहार में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के साथ कुबेर देव की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी पर भगवान […]

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DIWALI PUJA 2023: छोटी दिवाली पर क्यों की जाती है यम और लक्ष्मी की पूजा? जानें

Manisha Singh

  • November 11, 2023 8:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: दिवाली भारत का सबसे बड़ा त्यौहार है, जिसकी तैयारी कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती है. इस त्योहार में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के साथ कुबेर देव की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी पर भगवान यम की पूजा की जाती है। इस दिन लोग यमदेव के लिए दीपक जलाते हैं और परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। कहा जाता है कि जो भी इस दिन यम की पूजा करता है उसे पापों से मुक्ति मिलती है।

नरक चतुर्दशी पर किसकी पूजा की जाती है?

धार्मिक मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था। इसी कारण से नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्री कृष्ण की भी पूजा की जाती है। जहां दिन के समय भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है, वहीं शाम के समय भगवान यम की पूजा कर दीपक जलाए जाते हैं।

जलाएं चौमुखी दीपक

छोटी दिवाली की शाम को यम देव की पूजा की जाती है। इस दिन शाम के समय सरसों के तेल से कुछ छोटे दीपक और एक बड़ा चौमुखी दीपक जलाया जाता है। जिसे घर के हर कोने में ले जाकर चौखट के बाहर रखा जाता है। मान्यता है कि यमराज के लिए दीपक जलाने से अकाल मृत्यु टल जाती है। कहा जाता है कि दीपक जलाने के बाद दरवाजा बंद कर देना चाहिए और फिर सुबह उसे बहते पानी में प्रवाहित कर देना चाहिए।

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जानें यम देव की पूजा का महत्व

छोटी दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा तो की ही जाती है, लेकिन इसके साथ जब यमराज की भी पूजा की जाए तो इसका अलग ही महत्व होता है. कहा जाता है कि इस पूजा को करने से पुराने रोगों से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा यदि आप पर कोई संकट आने वाला हो तो वह भी टल जाता है।

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