नई दिल्ली. दिवाली बहुत बड़ा त्योहार है और देश भर में इसे बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है, पांच दिनों तक चलने वाले इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है और इसके अगले दिन छोटी दिवाली उर्फ़ नरक चतुर्दशी और उसके अगले दिन दिवाली मनाई जाती है. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और इसके अगले दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है, इस तरह से ये त्योहार पांच दिनों तक चलता है.
कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है. ऐसे में, इस साल अमावस्या तिथि शाम 5:28 मिनट से शुरू हो रही है, दिवाली की शाम प्रदोष काल 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा, ऐसे में चर चौघड़िया रहेगा जो शाम में 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा और फिर इसके बाद रोग चौघड़िया लग जाएगा. इस शाम में मेष लग्न 6 बजकर 53 मिनट तक है, ऐसे में शाम 6 बजकर 53 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट तक लक्ष्मी पूजा का बहुत ही शुभ मुहूर्त है.
दिवाली के दिन तिजोरी पर सिंदूर से स्वास्तिक और शुभ लाभ जैसा मांगलिक चिन्ह बनाएं और कुबेर के निम्नलिखित मंत्र का जप करें, ध्यान रखें इस दौरान हाथ में चावल और पुष्प लेकर कुबेर देवता का आह्वान करें.
नरक चतुर्दशी के दिन यानी 24 अक्टूबर को दीया जलाने का शुभ मुहूर्त 5 बजे से 6 बजे तक रहेगा. शाम को 06 बजकर 43 मिनट से दिवाली की पूजा का अति शुभ समय शुरू हो जाएगा, जो रात 08 बजकर 40 मिनट तक रहने वाला है इसलिए आप इससे पहले ही यम का दीपक जला लें.
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