नई दिल्ली. दिवाली पर पूरा देश छोटे-छोटे दीपकों की रोशनी से जगमगा उठता है, इस साल दिवाली 24 अक्टूबर 2022, सोमवार को मनाई जाएगी. धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्योहार भारत और नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. दीपावली […]
नई दिल्ली. दिवाली पर पूरा देश छोटे-छोटे दीपकों की रोशनी से जगमगा उठता है, इस साल दिवाली 24 अक्टूबर 2022, सोमवार को मनाई जाएगी. धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्योहार भारत और नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है क्योंकि दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानी पंक्ति इसीलिए इसे दीपावली कहते हैं. दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है और हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी दिवाली मनाते हैं. जैन धर्म में भी दिवाली मनाई जाती है लेकिन यहाँ दिवाली को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है.
दिवाली के दिन घरों में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है. यह पर्व हर्षोल्लास और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, दिवाली हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है.
दिवाली में मुख्य रूप से लक्ष्मी गणेश का पूजन किया जाता हैं, मान्यताओं के मुताबिक इस स दिन मां लक्ष्मी सबके घर आशीर्वाद देने आती है. दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त के अनुसार ही लक्ष्मी जी का पूजन विधिपूर्वक किया जाता है कहा जाता है ऐसा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. ऐसा माना जाता है कि यह पर्व भगवान श्रीराम के लंकापति रावण पर विजय हासिल करने और 14 साल का वनवास पूरा कर घर लौटने की खुशी में मनाया जाता है, इसलिए इस दिन घरों को दीपों से सजाया जाता है, वहीं दीपावली के दिन सभी लोग एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाई भी बांटते हैं.
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