Diwali 2019 Bahi Khata Puja: जानें दिवाली पर बही खाता पूजन, डेट, टाइम, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Diwali Par Kaise Karen Bahi Khata Pujan: दीपावली आने में कुछ दिन बाकी हैं. दिवाली के दिन कई तरह की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन गणेश लक्ष्मी की पूजा के अलावा बही खाता पूजन भी किया जाता है. बही खाता पूजन खासकर व्यापारी, दुकानदार और कारोबारी करते हैं. दीपावली का दिन बही खातों के लिए भी शुभ मुहूर्त होता है. इस दिन बही खाता बदलने के खास दिन है. बही खातों का पूजन करने के लिए पूजा मुहूर्त समय के दौरान नए बही खाता पुस्तकों पर केसर युक्त चंदन या फिर लाल कुमकुम से स्वास्तिक चिन्ह बनाया जाता है.

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Diwali 2019 Bahi Khata Puja: जानें दिवाली पर बही खाता पूजन, डेट, टाइम, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Aanchal Pandey

  • October 12, 2019 12:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. Bahi Khata Poojan 2019, दिवाली आने में सिर्फ कुछ दिन बाकी हैं. दीपावली के मौके पर कई तरह की पूजा की जाती है. इस पूजा में बही खाता पूजन भी शामिल है. कम्प्यूटर ने आज भले ही बही खाता की जगह ले ली हो लेकिन इसके महत्व को भुलाया नहीं जा सकता. जब दीपावली आती है तो बही खाता की पूजा की जाती है. अगर व्यापारियों की बात की जाए तो वे बही खातों से ही पूजन करते हैं. इस दिन व्यापारी बही खातों के अलावा तराजू और नाप तौल के औजारों की भी पूजा करते हैं.

दिवाली से शुरू होता है व्यापारियों का नया साल

ऐसी मान्यता है कि दीपावली के दिन से व्यापारियों का नया साल शुरू होता है. इसलिए दीवाली का दिन दुकानदार और व्यापारियों के लिए काफी खास है और इसी दिन बही खाते में काम शुरू होता है. दीपावली के दिन व्यापारी बही खातों, तराजू और गल्ला से ही लक्ष्मी और गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं. दीपावली का दिन बही खातों के लिए भी शुभ मुहूर्त होता है. इस दिन बही खाता बदलने के खास दिन है. बही खातों के पूजन से पहले शुभ मुहूर्त के तहत केसर युक्त चंदन या फिर लाल कुमकुम से स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है.

बही खाता पूजन विधि

बही खातों का पूजन करने के लिए पूजा मुहूर्त समय के दौरान नए बही खाता पुस्तकों पर केसर युक्त चंदन या फिर लाल कुमकुम से स्वास्तिक चिन्ह बनाया जाता है. खाते वाली पुस्तकों के ऊपर श्री गणेशाय नमः लिखा जाता है. इसके अलावा नई थैली भी बनाई जाती है जिसमें हल्दी की पांच गांठे, कमलगट्टा, अक्षत, दुर्गा, धनिाय और दक्षिणा रखने के बाद थैली पर भी स्वास्तिक का चिन्ह लगाया जाता है इसके बाद सरस्वती की स्मरण भी किया जाता है. सरस्वती का ध्यान करने के बाद बही खातों का गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करें.

चोपड़ी पूजन के नाम से जाना जाता है बही खाता पूजन

बही खाता पूजन को चोपड़ी पूजन के नाम से भी जाना जाता है. दीपावली के दिन दुकानदार, व्यापारी और कारोबारी बही खाते की बुक्स बदलते हैं. इस पूजन को शारदा पूजन भी कहा जाता है. देशभर में कारोबार करने वाला समुदाय धनतेरस के दिन बही खाते की बुक्स खरीदते हैं और शुभ मुहूर्त के समय पूजा करते हैं.

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