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Diwali 2018 Puja Muhurat: जानिए दिवाली 2018 का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, समय और महत्व

Diwali 2018 Puja Muhurat: भारत में 7 नवंबर को दिवाली का त्योहार हर्ष के साथ मनाया जाएगा. कार्तिक महीने की अमावस्या को दीपावली का शुभ पर्व मनाया जाता है. राम भगवान के लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने इतने दीप जलाए थे कि अमावस्या की काली रात में प्रकाश में चमक उठी थी. इसी वजह से इसे प्रकाशोत्सव भी कहते हैं. ऐसे में आज हम आपको बता रहें हैं कि दिवाली का शुभ मुहूर्त, समय, पूजा विधि और महत्व.

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Diwali 2018 Puja Muhurat
  • November 6, 2018 2:44 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. दिवाली भारत में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा हिंदू त्योहार है. दीपावली का त्योहार कार्तिक महीने की अमावस्या के रोज मनाया जाता है. इस 7 नवंबर को दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि जब भगवान राम 14 साल का वनवास खत्म कर अयोध्या लौटे थे तो उस समय लोगों ने खुशी में घी के दीपक जलाए थे जिससे अमावस्या की काली रात में रोशन हो गई थी. इसी वजह से इस त्योहार को प्रकाशोत्सव भी कहते हैं. दीपावली के शुभ दिन मां लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा की जाती है. जानिए इस दिवाली शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, समय और महत्व.

दीपावली 2018 का शुभ मुहूर्त (Diwali 2018 Puja Muhurat)
लक्ष्मी पूजा- सांय 5 बजकर 57 मिनट से 7 बजकर 53 मिनट तक
प्रदोष काल- शाम 5 बजकर 27 मिनट से 8 बजकर 6 मिनट तक
वृषभ काल- शाम 5 बजकर 57 मिनट से 7 बजकर 53 मिनट तक

दिवाली 2018 पूजा विधि (Diwali 2018 Puja Vidhi)
दीपावली पूजन के समय सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें. फिर बप्पा को स्नान कराकर नए वस्त्र और फूल अर्पित करें. जिसके बाद लक्ष्मी माता का पूजन शुरू करें. पूजा स्थान पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा को रखें. हाथ जोड़कर प्रर्थना करें कि उनकी कृपा आप पर इस बार बरसे. जिसके बाद माता लक्ष्मी को स्नान कराएं. माता को स्नान पहले जल फिर पंचामृत और फिर जल से कराएं. इसके बाद वस्त्र अर्पित करें. आभूषण और माला पहनाएं. इत्र अर्पित करें और कुमकुम का टीका लगाएं. जिसके बाज धूप और दीप जलाकर माता के पैरौं में गुलाब के फूल अर्पित करें. साथ में बेल पत्थर और उसके पत्ते माता के चरणों के समीप रख दें. 21 या 11 चावल अर्पित कर आरती शुरू करें. इसके परिक्रमा करें और माता को भोग लगाएं.

दिवाली 2018 पूजा का महत्व (Diwali 2018 Puja Significance)
लक्ष्मी मां के पूजन से पहले गणेश जी की पूजा से व्यक्ति की बुद्धि और विवेक बढ़ता है, इससे लक्ष्मी माता को हम सदैव स्थिर रखने में सक्षम होते हैं. इस त्योहार पर विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. लोग स्थिर लक्ष्मी की कामना करते हुए माता की पूजा बेहद विश्वास और श्रद्धा से करते हैं.

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