Dhanteras 2019: दीपावली के दो दिन पहले धनतेरस होती है. इस दिन से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है. इस बार पूरे भारत में दीपावली 27 अक्टूबर को और धनतेरस 25 अक्टूबर को मनाई जा रही है. धनतेरस के दिन को लोग विशेष तौर पर खरीदारी करने को लेकर ही जानते हैं. लेकिन इस दिन दीपक भी जलाया जाता है, जिसे यम का दीया कहा जाता है. यम का दीया खास माना जाता है और इसे जलाने से पहले कई बातों का ध्यान रखना चाहिए.
नई दिल्ली: धनतेरस के दिन खरीदारी और पूजा के साथ साथ यम का दीपक का भी खास महत्व होता है. इसके बिना धनतेरस की पूजा अधूरी है. मान्यता है कि इस दिन दीया जलाने से मृत्यु के देवता यमराज खुश होते हैं. इसलिए पूरे विधि विधान के साथ धनतेरस पर यम का दीया जलाया जाता है. लेकिन दीया जलाने के साथ ही इसे जुड़ी ऐसी कई बातें हैं, जिसका खास ख्याल रखना चाहिए.
1. धनतेरस के दिन सूर्यास्त के बाद यम भगवान का दीपक जलाना चाहिए. इस बात का खास ख्याल रखें की यह दीया सूर्यास्त बाद और रात में ही जलाए.
2. यम दीया जलाकर भूल से भी इसे घर के भीतर नहीं रखना चाहिए. शाम को इस दीये को जलाकर घर के मुख्य द्वार पर रख दें और परिवार के सुख समृद्धि की कामना करें.
3. यम का दीया जलाने से पहले इस बात का भी ध्यान रखें कि घर के सारे सदस्य उस समय घर पर ही हो. कोई भी व्यक्ति घर के बाहर ना हो. यम का दीया घर से बाहर जलाने के बाद कोई सदस्य घर से तुरंत ना निकलें. इसलिए इस बात का खास ख्याल रखें कि जब सभी लोग घर पर हों तभी यम का दीया जालएं.
4. सबसे जरूरी बात याद रखें कि कभी कभी धनतेस के दिन यम का दीया जलाने के लिए नए दीये का इस्तेमाल ना करें. यम का दीया हमेशा ही पहले से इस्तेमाल किए हुए पुराने और मिट्टी के दीये को ही करना चाहिए. आप चाहे तो आटे का दीया बनाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
5.इस बात का भी ध्यान रखें कि यम का दीया जलाकर इसे दीपक की बत्ती का मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें. इसके साथ ही एक दीया घर से बाहर नाली या कूड़े के पास रखना चाहिए.
धनतेरस के दिन इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. यम का दीया जलाने से घर की दरिद्रा दूर होती है और यम देवता के खुश होने से परिवार में किसी की अकाल मृत्यु नहीं होती.
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