नई दिल्ली. देश भर में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी मनाया जाने वाला त्यौहार देवउठाउन इस साल 14 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा. बता दें कि इसे देवोत्थान एकादशी, देव प्रभोदिनी एकादशी, देवउठनी ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
ऐसी मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन माता तुलसी के विवाह का आयोजन भी किया जाता है. इसी दिन से भगवान विष्णु सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं और इसी दिन से सभी तरह के मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं. वहीं, हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. इस दिन पूरे विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. तत्पश्चात भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें और तुलसी अर्पित करें. इसके बाद व्रत रखकर भगवान विष्णु की उपासना करें.
इस वर्ष 15 नवम्बर को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 01:10 pm से 03:19 pm. है वहीं, पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 01:00 pm है.
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