नई दिल्ली. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का काफी महत्व माना जाता है. हर साल 24 एकादशियां होती हैं, जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 25 हो जाती है. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही देवशयनी एकादशी कहा जाता है. देवशयनी एकादशी 12 जुलाई 2019 यानी कल मनाई जाएगी. मान्यता है कि देवशयनी एकादशी की रात्रि से ही भगवान का श्यन काल आरंभ हो जाता है जिसे चातुर्मास का प्रारंभ भी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है. देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी और पद्मनाभा भी कहा जाता है.
पूजा का शुभ मुहूर्त –
इस साल देवशयनी एकादशी 11 जुलाई को रात 03.08 मिनट से 12 जुलाई रात 1.55 मिनट तक रहेगी. प्रदोष काल शाम 05 बजकर 30 मिनट से 07 बजकर 30 मिनट कर रहेगा. मान्यता है कि इस दौरान की गई आरती, दान पुण्य का विशेष लाभ भक्तों को मिलता है. इस दिन भगवान को नए वस्त्र पहनाकर नए बिस्तर पर सुलाएं क्योंकि इश दिन के बाद भगवान सोने के लिए चले जाते हैं.
देवशयनी एकादशी पूजा विधि
देवशयनी एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके नए वस्त्र धारण कर लें. पूजा घर या मंदिर में भगवान विष्णु की सोने, चाँदी, तांबे अथवा पीतल की मूर्ति की स्थापना करें. इसके बाद विष्णु जी की पूरे विधि विधान से पूजा करें. अंत में सफेद चादर से ढंक कर गद्दे-तकिए वाले पलंग पर भगवान को सुला दें.
देवशयनी एकादशी के दिन क्या न करें.
शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की आलोचना करते…
इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने एबीपी न्यूज से बात करते…
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों का असर सोने के रेट पर देखने को मिल सकता है.…
उत्पन्ना एकादशी हर साल मार्गशीर्ष मास में आती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस एकादशी…
रणवीर सिंह की मोस्ट अवेटेड फिल्म के पहले शेड्यूल की पूरी शूटिंग बैंकॉक में हुई,…
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद का सर्वे करने गई टीम पर रविवार सुबह…