Devshayani Ekadashi 2018: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है. इसे हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा व उनकी अराधना में व्रत किया जाता है. इस दिन चावल से परहेज किया जाता है.
नई दिल्ली. इस बार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी पड़ रही है. इस बार यह त्योहार 23 जुलाई को है इसे हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. साल में 24 एकादशी होती है लेकिन देवशयनी एकादशी का खास महत्व होता है. इस खास दिन भगनाव विष्णु जी की पूजा की जाती है. हिंदू पचांग के अनुसार इस दिन व्रत करना बेद शुभ होता है.
आषाढ़ शुक्लपक्ष की देवशयनी एकादशी को पुण्यफल देने वाला व्रत कहा जाता है. इस दिन से भगवान विष्णु अगले चार महीने के लिए शयन के लिए चले जाते हैं. इस दिन के बाद अगले चार महीनों के लिए शुभ कार्य, शादी ब्याह, मुंडन या कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इसके लिए कहा भी जाता है कि अब देव सो गए हैं और नंवबर में आने वाली देवउठनी एकादशी पर एक बार फिर शुभ कार्य शुरू होते हैं.
इस बार देवउठनी एकादशी, जो इस साल 19 नवंबर 2018 सोमवार के दिन पड़ रही है. इस दिन माना जाता है कि भगवान विष्णु अपनी निंद्रा से उठते हैं और एक बार फिर शुभ कार्यों करे जाते हैं. देवउठानी एकादशी दीपावली के बाद आती है. इन दिनों को चतुर्मास नाम से भी पुकारा जाता है. इस बार शुभ कार्यों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा. बता दें सावन भी 28 जुलाई से शुरू हो रहा है. इस दिन को चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है.
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