Dev Uthani Ekadashi 2020: देवउठनी एकादशी का हिंदू पंचाग में विशेष महत्व हैं। इस दिन नए कार्य की शुरुआत बहुत शुभ मानी जाती हैं। कहा जाता हैं कि एकादशी पर कार्य की शुरुआत हमेशा बरकत देती हैं। वहीं देवउठनी एकादशी साल की बड़ी एकादशी के रुप में जानी जाती हैं। इसी कारण इस दिन भगवान विष्णु की मन से पूजा कर अपनी इच्छा प्रकट करें।
नई दिल्ली: देवउठनी एकादशी हिंदू पंचाग अनुसार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी आने पर मनाई जाती हैं। वहीं देवउठनी एकादशी आने के साथ ही चातुमार्स समाप्त हो जाता हैं। यानि की मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती हैं। देवउठनी एकादशी पर अधिक विवाह के संयोग बनते हैं। इसलिए हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी की विशेष महत्ता हैं। वहीं कहा जाता हैं कि भगवान विष्णु एकादशी के दिन निंद्रा से उठते हैं। इसी कारण यह दिन देवों की दिवाली के रुप में जाना जाता हैं।
पौराणिक काल की मानें तो देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ माता तुलसी व शालिग्राम जी का विवाह किया जाता हैं। इसी कारण देवउठनी एकादशी पर बहुत अधिक विवाह के संयोग बनते हैं। वहीं आज के दिन घर में दीपक जलाकर भगवान विष्णु की विधि-विधान अनुसार पूजा करने से घर में सुख-सृमद्दी आती हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त
देवउठनी एकादशी हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती हैं। साल 2020 में देवउठनी एकादशी 25 नवंबर 2020 को मनाई जाएगी। वैसे तो देवउठनी एकादशी 24 नवंबर को रात 243 से शुरु हो जाएगी लेकिन व्रत आदि के लिए 25 नवंबर 2020 को शुभ संयोग बनेगा। साथ ही 25 नवंबर को सुबह 511 बजने के साथ ही देवउठनी एकादशी समाप्त हो जाएगी।
देवउठनी एकादशी पर क्या करें
-देवउठनी एकादशी पर तुलसी व शालिग्राम जी का धूमधाम से विवाह कराएं।
-वहीं शुभ समय देख भगवान विष्णु की पूजा के साथ मंत्रों को जाप करें।
-देवउठनी एकादशी पर शाम होने पर पूरें घर में दीपक जलाएं।
-इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान पूजा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
-गंगा स्नान देवउठनी एकादशी पर शुभ माना गया हैं।
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