Dev Uthani Ekadashi 2020: देवउठनी एकादशी के साथ ही हिंदू धर्म में मांगलिक कार्यक्रम शुरु हो जाते हैं। वैसे तो देवउठनी पर भगवान शालिग्राम व मां तुलसी की पूजा की मान्यता हैं। वहीं देवउठनी एकादशी बड़ी एकादशी होती हैं इसलिए इस दिन व्रत्त भी किया जाता हैं।
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी की बड़ी मान्यता हैं। 25 नवंबर 2020 को एकादशी मनाई जाएगी। हिंदू पंचाग अनुसार हर साल 24 एकादशी मनाई जाती हैं लेकिन यदि किसी साल मलमास आ जाते हैं तो कुल एकादशी 26 हो जाती हैं। देवउठनी एकादशी हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की की एकादशी को मनाई जाती हैं। इसी एकादशी के साथ आप शुभ कार्यक्रम शुरु कर सकते हैं। वहीं एकादशी के साथ मांगलिक कार्यक्रम भी शुरु हो जाते हैं और अगला मलमास आने तक चलते रहते हैं.
देवउठनी एकादशी चातुर्मास के समापन व कार्तिक शुक्ल की एकादशी को मनाई जाती हैं। देवउठनी एकादशी 25 नवंबर 2020 को 02:42 से शुरु होगी। मुहूर्त के समय का ध्यान रखते हुए ही पूजन करें। ज्योतिषियों की माने तो इस समय पूजा करने से घर में सुख-समृद्दी आती हैं साथ ही देवों की कृपा आप पर सदैव बनी रहती हैं। यदि आप कोई कार्य प्रारंभ करने जा रहे हैं तो समय का विशेष ध्यान रखें। आज हम आपको यहां देवउठनी एकादशी पर पूजन की संपूर्ण विधी बताएगें।
पूजा विधि
-सबसे पहले पूजा घर को स्वच्छ करें।
-पूजा घर में भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाएं।
-अब भगवान विष्णु जी के व्रत का संकल्प लें।
-शुभ समय देख आंगन में विष्णु जी के चरणों का आकार बनाएं।
-फिर गेरु से चित्र बना फल, मिठाई, गन्ना व फूल चढ़ा डलिया को ढ़क दें।
-पूजा स्थान पर दिए जलाएं साथ ही घर में भी दिए जलाएं।
-अब मुहूर्त देख भगवान विष्णु जी की परिवार के साथ पूजा कर भोग लगाएं।
-इस प्रकार भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की पूजा सम्पन्न करने के साथ परिवार की खुशहाली की कामना करें।