Dev Deepawali 2018: देव दीपावली में ऐसे करें पूजा, धरती पर उतर आता है पूरा देवलोक

Dev Deepawali 2018: कार्तिक पूर्णिमा को दिन के काशी नगरी को दीपो से सजाया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्वर्ग से देवता उतरकर आते है जिसे देव दीपावली कहते है. इस दिन काशी नगर को दिपो से सजाया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा की शाम को देश विदेश से लोग आते है. और देव दीपावली के त्योहार को हर्ष और उल्लास से मनाते हैं.

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Dev Deepawali 2018: देव दीपावली में ऐसे करें पूजा, धरती पर उतर आता है पूरा देवलोक

Aanchal Pandey

  • November 21, 2018 5:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. Dev Deepawali 2018: कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्वर्ग से देवता उतरकर आते हैं जिसे देव दीपावली कहते हैं. इस दिन बनारस के घाटों पर दीपो का त्योहार मनाते हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने कार्तिन पूर्णिमा के दिन त्रिपूर नाम के असुर का वध किया था और पूरे काशी को मुक्त कराया था. जिसके बाद से ही देवताओं ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शंकर की महाआरती की और नगर दीपक जलाकर सजाया था.

काशी नगरी को बाला भोलेनाथ की नगरी के नाम से जाना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन काशी नगर को दीपो से सजाया जाताा है. कार्तिक पूर्णिमा की शाम को देश विदेश से लोग आते है. और देव दीपावली के त्योहार को हर्ष और उल्लास से मनाते हैं. कार्तिक पूर्णिमा की शाम को काशी में लाखों दिए गंगा के किनारे एक साथ जलते हैं. गंगा का घाट पर जलते हुए दीपक देवलोक के तरह प्रतीत होते हैं. काशी की इस सूंदरता को देखने के लिए दूर दूर से लोग काशी आते हैं.

काशी के घाटों में मनाए जाने वाली इस देव दीपावली देश ही नहीं विदेशो में भी काफी पॉपुलर हैं. देव दीपावली ने आज के समय में बहुत ही फेमस है इस उत्सव को देखने के लिए विदेशो से लाखों की संख्या में लोग आते हैं. देव दीपावली के नजारे को देखने के लिए कई महीने पहले ही नावों की बुकिंग होाती है. मान्यता है कि सूर्य की पहली किरण धरती पर काशी नगरी पर ही पड़ी थी.

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