नई दिल्ली: साल 2023 में, क्रिसमस(Christmas 2023) त्योहार सोमवार, 25 दिसंबर को होने वाला है। क्रिसमस, एक त्योहार जो यीशु मसीह के जन्म का प्रतीक है, इसकी गहरी जड़ें रोमन त्योहार सैटर्नलिया और रोमन त्योहार जैसी पुरानी परंपराओं से जुड़ी हुई हैं। क्रिसमस की परंपराएं क्रिसमस की परंपराएं विभिन्न संस्कृतियों और क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न होती […]
नई दिल्ली: साल 2023 में, क्रिसमस(Christmas 2023) त्योहार सोमवार, 25 दिसंबर को होने वाला है। क्रिसमस, एक त्योहार जो यीशु मसीह के जन्म का प्रतीक है, इसकी गहरी जड़ें रोमन त्योहार सैटर्नलिया और रोमन त्योहार जैसी पुरानी परंपराओं से जुड़ी हुई हैं।
क्रिसमस की परंपराएं विभिन्न संस्कृतियों और क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न होती हैं। आम परंपराओं में- पेड़ों को आभूषणों और रोशनी से सजाना, उपहारों का आदान-प्रदान करना और भोजन के लिए इकट्ठा होना शामिल है।
क्रिसमस(Christmas 2023) कैरोलिंग, जहां लोग पारंपरिक कैरोल गाते हैं, एक और पोषित परंपरा है। ऐसा मन जाट अहइ की इस दिन लोग अपने घर की बहार मोजे लटकते हैं ताकि सैंटा क्लॉस आ कर उन मोजो को गिफ्ट्स से भर दें।
बाइबिल में यीशु के जन्म की सही तारीख निर्दिष्ट नहीं है, रोमन परंपरा में सैटर्नलिया और सोल इनविक्टस जैसे मौजूदा बुतपरस्त त्योहारों के साथ मेल खाने के लिए 25 दिसंबर को चुना गया था। चौथी शताब्दी में, पोप जूलियस प्रथम ने आधिकारिक तौर पर 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाने का दिन घोषित किया।
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