Chhath Puja 2023: छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर से हो गई है. इस व्रत को सबसे कठिन व्रत माना जाता है. मान्यता है कि जो महिलाएं छठ के नियमों का पालन करती हैं उनकी हर मनोकामना छठी माता पूरी करती हैं. यह पर्व चार दिनों तक रहता है और इसमें सूर्य देव का पूजन किया जाता है. छठ पर्व का दूसरा दिन खरना होता है जिसका मतलब शुद्धिकरण होता है और इस दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाने की परंपरा है।
खरना के दिन छठी माता का प्रसाद तैयार किया जाता है और महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं. इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनती है. प्रसाद तैयार होने के बाद व्रती महिलाएं सबसे पहले इसे ग्रहण करती हैं जिसके बाद इसे बांटा जाता है. भगवान सूर्य की पूजा इस दिन होती है, इसके अगले दिन सूर्यास्त के वक्त व्रती लोग घाटों पर पहुंचते हैं और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देखर वापस घर लौटते है।
1. जरूरतमंदों की सहायाता करें
खरना के दिन जो प्रसाद तैयार किया जाता है उसे जरूरतमंद लोगों को देना चाहिए, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
2. नए वस्त्र धारण करें
खरना का प्रसाद नए वस्त्र पहनकर ही बनाना चाहिए, इतना ही नहीं चारों दिन साफ कपड़े पहनने चाहिए।
3. तांबे के लोटे से अर्घ्य
छठ पूजा में सूर्य भगवान को जिस बर्तन से व्रती महिलाएं अर्घ्य देती हैं वो तांबे के होना चाहिए।
4. साफ सफाई का ख्याल रखें
छठ पूजा में साफ सफाई का ध्यान रखें और छठ पूजा के प्रसाद बनाने वक्त स्वच्छता के साथ बनाएं।
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