नई दिल्लीः देश भर में छठ पर्व को बड़े धूम-धाम से मनाया गया। आज प्रतःकाल बेला में व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद मां छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और व्रत खोला, यह व्रत कुल 36 घंटे तक का था। जिसे व्रती महिलाओं ने छठ पूजा के समापन […]
नई दिल्लीः देश भर में छठ पर्व को बड़े धूम-धाम से मनाया गया। आज प्रतःकाल बेला में व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद मां छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और व्रत खोला, यह व्रत कुल 36 घंटे तक का था। जिसे व्रती महिलाओं ने छठ पूजा के समापन के बाद खोला है। यह पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्य में बड़े धूम-धाम के साथ मनाया गया। करीब लाखों की संख्या में व्रती महिलाओं ने जगह-जगह घाटों पर अपनी आस्था की उपस्थिति दी। आज छठ पर्व का चौथा और आखिरी दिन था।
छठ का यह पर्व 17 नवंबर 2023 नहाय खाय से आरंभ हुआ था और आज 20 नवंबर 2023 को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की विधि के साथ पूर्ण रूप से संपन्न हुआ। चार दिनों के चलने वाले इस पर्व में व्रती महिलाओं ने खरना के बाद से व्रत रखा था। यह व्रत कुल 36 घंटे का होता है। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। आज इस व्रत का पारण कर महिलाओं ने छठ के प्रसाद के साथ अन्न-जल को ग्रहण किया।
छठ पूजा का व्रत घर की महिलाएं रखती हैं। यह व्रत छठी मैया और सूर्य भगवान को समर्पित होता है। मान्यता है कि छठी मैया निसंतान दांपतियों को संतान का वर्दान देती हैं और घर की सुख-समृद्धी का भी आशीर्वाद देती है। इस वजह से महिलाएं छठ पर्व का व्रत रखती है। जिससे उनकी संतान को दीर्घायु की प्राप्ति हो और जिनकी संतान नहीं हैं, उन विवाहित दंपतियों को संतान का सुख मिले। इस व्रत को पूरे नियम के साथ रखना चाहिए तभी इसका फल प्राप्त होता है।
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