नई दिल्ली. आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है, छठ का महापर्व देश भर में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्टी तिथि को छठ के महापर्व की शुरुआत होती है. छठ पूजा के तीसरे दिन यानी आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, इस दिन व्रती महिलाएं नदी, तालाब या फिर घर में ही बने जल के कुंड में खड़े होकर अर्घ्य देती हैं. बता दें, 30 अक्टूबर को भारत में सूर्यास्त का समय – शाम 5 बजकर 37 मिनट पर था, आज सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जा चुका है और छठ का तीसरा दिन समाप्त हो गया है. वहीं, छठ पूजा के चौथे दिन उषा अर्घ्य यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, कल छठ पूजा का अंतिम दिन है और कल ही उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, इसके बाद व्रती अपना कठिन व्रत खोल सकती है. आइए आपको इस व्रत के महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं-
छठ पूजा का अंतिम और आखिरी दिन ऊषा अर्घ्य होता है इस दिन उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने की मान्यता है, उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है. वहीं, इस दिन व्रती महिलाएं सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उदित होते सूर्य को अर्घ्य देती हैं और फिर सूर्य देव और छठी मैया से संतान प्राप्ति, संतान और परिवार की रक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं. इस पूजा के बाद व्रती कच्चे दूध, जल और प्रसाद से अपने कठिन व्रत का पारण करती हैं.
ऊषा अर्घ्य यानी उगते हुए सूर्य को 31 अक्टूबर यानी कल के दिन अर्घ्य दिया जाएगा. हिंदू पंचांग के मुताबिक, 31 अक्टूबर को सूर्योदय का समय सुबह 06 बजकर 27 मिनट पर रहेगा.
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