नई दिल्ली. छठ पूजा के महापर्व की शुरुआत 31 अक्टूबर से होने जा रहा है. गुरुवार को नहाय खाय से छठ पर्व की शुरुआत हो जाएगी. छठ पूजा बेहद पवित्र त्योहार माना जाता है, जो कि बिहार में काफी धूमधाम से मनाया जाता है. छठ पूजा 4 दिनों का त्योहार होता है, जिसमें व्रती निर्जला व्रत रखती हैं. छठ पूजा में सूर्य़ को अर्घ्य देकर उनकी आराधना की जाती है और छठी माता को पूजा जाता है. छठ पूजा के बेहद कड़े नियम होते हैं, जिनका पूजा में ध्यान रखना काफी जरूरी होता है. छठ पूजा दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं रात शाम की सूर्य को अर्घ्य देकर रातभर नदी किनारे घाट पर बैठकर छठ के गीत गाती हैं.
छठ पूजा का व्रत महिलाओं के अलावा पुरुष भी करते हैं. कई लोग तो छठी माता से कई मन्नतें भी मांगते हैं. इस पूजा में महिलाएं गेहूं को धोकर सूखा चक्की में साफ और शु्द्ध तरीके से आटा पीसवाकर उसका ठेकुआ बनाती है, जो कि प्रसाद के तौर पर छठ पूजा में प्रयोग किया जाता है. खैर ये तो हो गई छठ पूजा के बारे में कुछ बातें. अब हम आपको छठ पूजा के कुछ खास नियम और सावधानियां बताने जा रहे हैं, जिसे करने से छठी मईया जरूर खुश होंगी.
अर्घ्य देना क्यों है जरूरी
सबसे पहले हम बात करते हैं छठ पूजा में दिए जाने वाले सूर्य़ को अर्घ्य की. प्राचीन कथाओं के अनुसाऱ छठ पूजा के दौरान सूर्य देवता को अर्घ्य देना कल्य़ाणकारी माना गया है. इसके लिए लोग पहले ही छठी मैय्या के लिए नदी किनारे, तालाब आदि के किनारे अपने लिए घाट तैयार कर लेते हैं और छठी मैय्या की पूजा की जाती है.
छठ पूजा का घाट बनाते समय ध्यान रखें ये नियम
छठ पूजा के लिए घाट का निर्माण अधिकांश पुरुष करते हैं. अगर आप घाट बनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं तो उस वक्त अपने मन में किसी भी तरह का गलत ख्याल न लाएं और ना ही किसी से लड़ाई झगड़ा करें. ऐसा करने से छठी मैय्या नाराज हो जाती हैं. छठ एक पावन त्योहार होता है, इसलिए हो सके तो दूसरों के लिए भी घाट बनाने में उनकी मदद करें. अपनी ड़ाली से ज्यादा घाट बनाए ताकि दूसरे जरूरतमंद भी आपके साथ घाट में छठी मैय्या की पूजा कर सकें.
छठ पूजा घाट बनाते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां
छठ पूजा के लिए घाट बनाते समय लोग सबसे पहले घाट वाली जगह को अच्छे से साफ करते हैं. सफाई करने के बाद नदी किनारे से निकले हुए कचरे को दूर प्रसाशन द्वारा बनाए गए कूड़ादान या फिर किसी एक जगह पर इकठ्ठा करें. भूलकर भी इन कूड़ा को नदी या तालाब में ना बहाएं, ऐसा करने से छठी मैय्या का अपमान होने के साथ-साथ जल भी प्रदूषित होता है.
घाट पर छठी मैय्या का मंदिर बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान
घाट बनाते समय सबसे पहले घाट वाली जगह को साफ करके वहां गंगाजल का छिड़काव करें. इससे वह समय मंदिर के लिए शुद्ध हो जाएगी. इसके बाद घाट वाली जगह को गोबर से अच्छी तरीके से लीप लें. इसके बाद वहां छठी मैय्या की मंदिर का निर्माण करें और उसे केले की डाल और गन्नों से सजाए.
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