Chhath Puja 2018: छठ पूजा का त्योहार 4 दिनों तक मनाया जाता है. छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाए होता है दूसरे दिन खरना होता है उसके अगले दिन डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देते है. चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देते है. छठ पूजा में बनाए जाने वाले प्रसाद को नए चूल्हे पर बनाया जाता है. ऐसे में छठ पूजा पर मुस्लिम परिवार बढ़ चढ़कर चूल्हे बनाते है. छठ में उनके बनाए चूल्हें की बहुत मांग होती है.
नई दिल्ली. Chhath Puja 2018: कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थ के छठ का पर्व मानाया जाता है. इस साल 2018 13 नवंबर को शुरु हो रहा है. छठ पूजा 4 दिनों तक मनाया जाता है. छठ पूजा के समय पूजा की विधि का पूरा ध्यान रखा जाता है. नियम के अनुसार ही सारे कार्य होते हैं. छठ पर्व पर बनने वाले पकवान को नए चूल्हे पर बनाया जाता है. इसके लिए सबसे पहले मिट्टी का चूल्हा खरीदा जाता है. छठ पर्व पर सांपद्रायिक सौहार्द की झलक मिलती है. छठ पूजा के मौके पर मुस्लिम परिवार भी चूल्हा बनाते है.
छठ पूजा में प्रयोग होने वाला मिट्टी का चूल्हा खासकर मुस्लिम परिवार बनाते हैं. हिंदुस्तान की खबर के अनुसार वीरचंद पटेल मार्ग पर रहने वाली मुस्तकीमा खातून 15 सालों से छठ के लिए मिट्टी का चूल्हा बना रही है. मुस्तकीमा खातून ने बताया कि वह छठ पर्व के लिए हर साल 300 से 400 चूल्हे बनाती है. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि हर चूल्हे के दाम में भी इजाफा होता है. पिछले साल उन्होंने 60 रुपए का चूल्हा बेचा था. इस साल वह 120 रुपए तक का चूल्हा बेचेंगे.
नहाय खाय के अगले दिन से चूल्हे पर छठ का प्रसाद बनाना शुरु हो जाता है. ऐसे में छठ के दिन नए चूल्हे पर प्रसाद बनाया जाता है. आज कल मिट्टी चूल्हे के बदले टिन और लोहे के चूल्हे का प्रयोग किया जाता है. 11 नवंबर को नहाय खाय है. इस दिन नहाने के बाद ही खाना खाया जाता है
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