Chhath Puja 2018: कार्तिक मास की शुल्क पक्ष की पष्ठी को चार दिनों का छठ पर्व मनाया जाता है. 11 नवंबर रविवार से भारत में छठ शुरू हो गया है. छठ के आखिरी दिन सूर्य अर्घ्य दिया जाता है. माना जाता है कि सूर्य भगवान पर जल चढ़ाने से व्यक्ति को जीवन में कई बड़े लाभ मिलते हैं. ऐसे में आज हम आपको बता रहे सूर्य अर्घ्य की सही विधि.
नई दिल्ली. कार्तिक मास की शुल्क पक्ष की पष्ठी को छठ पूजा पर्व मनाया जाता है. मान्यता के अनुसार, इस दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा की जाती है. दरअसल ज्योतिष में सभी ग्रहों का अधिपति सूर्य को माना गया है. कहा जाता है कि अगर व्यक्ति सभी ग्रहों की पूजा करने के बजाय सूर्य की अराधना करे और नियमित रूप से अर्घ्य दिया जाए तो इससे कई लाभ मिलते हैं. आज हम आपको बता रहें हैं कि इस दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने और जल चढ़ाने की सही विधि.
सूर्य देव तो जल चढ़ाने के लिए सुबह जल्दी उठकर नहा लें. जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का प्रयोग करें क्योंकि तांबा सूर्य का धातु माना गया है. जल में फूल पत्तियां, रोली और चावन डाल लें. इसके बाद सूर्य देव पर जल अर्पित करें और साथ साथ गायत्री मंत्र का जाप करते रहें. गायत्री मंत्र के साथ आप 12 नाम वाले मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.
12 नाम का मंत्र
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर, दिवाकर नमस्तुभ्यं, प्रभाकर नमोस्तुते।
सप्ताश्वरथमारूढ़ं प्रचंड कश्यपात्मजम्, श्वेतपद्यधरं देव तं सूर्यप्रणाम्यहम्।।
बता दें कि सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान पानी की जो धारा जमीन पर गिरी है उस धारा का दर्शन जरूर करें. माना जाता है कि ऐसा करने से आंखों की रोशनी तेज होती है. साथ ही जमीन पर गिरे इस पानी को अपने माथे पर लगाना चाहिए. वहीं सूर्य को सुबह उठकर जल चढ़ाते हैं और इसका फायदा शरीर को काफी मिलता है.
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