Chhath Puja 2018 Date: छठ पूजा शूभ मूहुर्त, नहाय खाय, खरना, सांझ और भोर के अर्घ्य का समय

Chhath Puja 2018: 13 नवंबर को देश के कई उत्तर पूर्वी राज्यों में धूमधाम से छठ पूजा मनाई जाएगी. दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाने वाला यह पर्व सूर्य पष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. छठ पूजा के दौरान परिवार की खुशी के लिए मुख्य रूप से महिलाएं व्रत करती हैं. छठ पूजा में सूर्य भगवान और छठी मैया की पूजा और उगते सूर्य और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है. आज हम आपको बताएंगे छठ पूजा शुभ मुहूर्त, नहाय खाये, खरना, पहला अर्घ्य और दूसरे अर्घ्य से जुड़ी तमाम जानकारी.

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Chhath Puja 2018 Date: छठ पूजा शूभ मूहुर्त, नहाय खाय, खरना, सांझ और भोर के अर्घ्य का समय

Aanchal Pandey

  • October 31, 2018 5:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. Chhath Puja 2018 Date: सूर्य भगवान को समर्पित छठ पूजा 13 नवंबर को देश के कई हिस्सों में धूमधाम से मनाई जाएगी. सूर्य पष्ठी के नाम से जाने वाला यह पर्व दिवाली के 6 दिनों बाद मनाया जाता है. छठ पूजा का उपवास परिवार की खुशी के लिए मुख्य रूप से महिलाऐं ये व्रत करती है. छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य देव की पूजा और उगते सूर्य और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है. चार दिनों तक चलने वाला इस लोकपर्व की शुरूआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है और कार्तिक शुक्ल सप्तमी को यह समाप्त होता है. आज हम आपको बता रहें हैं छठ पूजा शुभ मुहूर्त नहाय खाये, खरना, पहला संध्या अर्घ्य और दूसरा उषा अर्घ्य.

छठ पूजा पहला दिन (नहाय खाये)
11 नवंबर रविवार के पड़ने वाले छठ के पहले दिन नहाय खाये से मतलब है कि इस दिन नहाने के बाद घर की सफाई और मन को तामसिक प्रवृत्ति से बचने के लिए शु्द्ध शाकाहारी भोजन किया जाता है. इस दिन 06:44 पर सूर्योदय और 18:01 पर सूर्यास्त

छठ पूजा दूसरा दिन (खरना)
छठ के दूसरे दिन (12 नवंबर सोमवार) खरना का मतलब है पूरे दिन का उपवास. मान्यता के अनुसार, इस दिन उपवास के दौरान व्यक्ति जल की एक बूंद तक नहीं ग्रहण करता है. वहीं शाम के समय में गुड की खीर, घी चिपड़ी रोटी और फलों का सेवन किया जाता है. इस दिन 06:44 पर सूर्योदय और 18:01 पर सूर्यास्त

छठ पूजा का तीसरा दिन (संध्या अर्घ्य)
छठ पूजा का तीसरे दिन (13 नवंबर मंगलवार) शाम के समय सूर्य देव को संध्या अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन संध्या के समय ठेकुआ, बांस की टोकरी में फल, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य सूप सजाने का योग है. इसके बाद व्रति अपने परिवार को सूर्य अर्घ्य देती हैं. अर्घ्य के समय दूध और जल सूर्य देव को चढ़ाया जाता है. वहीं रात में छठी माता के गीत और व्रत कथा सुनाई जाती है. इस दिन 06:45 पर सूर्योदय और सूर्यास्त 18:01 पर.

छठ पूजा का चौथा दिन (उषा अर्घ्य)
छठ पूजा के अंतिम दिन (14 नवंबर बुधवार) प्रात काल सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है. मान्यता के अनुसार, सुबह सूर्योदय से पहले इस दिन नदी के घाट पर उगते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाता है. जिसके बाद छठ माता से परिवार की सुख-शांति और संतान की रक्षा मांगी जाती है. इस दिन व्रति पूजा के बाद कच्चे दूध का शर्बत पीकर और हल्का प्रसाद ग्रहण कर व्रत को पूरा करती हैं जिसे परना या पारण कहा गया है. इस दिन 06:45 पर सूर्योदय और सूर्यास्त 18:00 बजे

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