नई दिल्ली। ग्रहण लगना एक एस्ट्रोनॉमिकल एक्टिविटी होती है जो कि प्रतिवर्ष 3 से 4 बार होती है। देखा जाए तो हर साल 4 ग्रहण लगते हैं जिसमें 2 चंद्र ग्रहण होते हैं और 2 सूर्य ग्रहण होते हैं। ये ग्रहण जिस तरह वैज्ञानिक रूप से काफी महत्वपूर्ण होता है उसी तरह से ज्योतिष शास्त्र […]
नई दिल्ली। ग्रहण लगना एक एस्ट्रोनॉमिकल एक्टिविटी होती है जो कि प्रतिवर्ष 3 से 4 बार होती है। देखा जाए तो हर साल 4 ग्रहण लगते हैं जिसमें 2 चंद्र ग्रहण होते हैं और 2 सूर्य ग्रहण होते हैं। ये ग्रहण जिस तरह वैज्ञानिक रूप से काफी महत्वपूर्ण होता है उसी तरह से ज्योतिष शास्त्र में भी इनका काफी महत्व देखने को मिलता है। आइए जानते हैं कि इस साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2024) कब लगेगा?
दरअसल, चंद्र ग्रहण उस समय लगता है जब चांद पृथ्वी की छाया में आ जाता है। जिसके बाद चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन पूर्णिमा के दिन यानी कि 25 मार्च की रात को लगेगा। वहीं भारतीय समय के मुताबिक चंद्र ग्रहण का समय 10:24 से दोपहर 3:01 बजे तक रहेगा। इस पहले चंद्र ग्रहण की अवधि कुल 4 घंटे और 36 मिनट होगी। बता दें कि इस साल का पहला चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा।
बता दें कि साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण, भारत (India) से नहीं देखा जा सकेगा। वहीं इसे भारत के अलावा साउथ अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक, अंटार्कटिका, नॉर्थ/ईस्ट एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका के अधिकतर हिस्से और नॉर्थ अमेरिका में देखा जा सकेगा।
ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दौरान कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पूर्व शुरू होता है। ये चंद्र ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा तो इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा।
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इसके अलावा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 18 सितंबर 2024 को होगा। बता दें कि ये चंद्र ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा। इस कारण इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा। यह चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर में देखा जा सकेगा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित है। जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।)