Chandra Grahan 2019: सूर्य ग्रहण के बाद अब लोगों को चंद्र ग्रहण दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण 16 जुलाई 2019 और 17 जुलाई 2019 के बीच मंगलवार रात 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बजकर 30 मिनट मिनट तक चलेगा. यह चंद्र ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है. इस चंद्र ग्रहण का सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा. जानिए चंद्र ग्रहण के दौरान कौन-कौन से कार्य नहीं करने चाहिए.
नई दिल्ली. Chandra Grahan 2019: सूर्य ग्रहण के बाद अब भारत में चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा. चंद्र ग्रहण 16 जुलाई और 17 के बीच यानी मंगलवार रात 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक चलेगा. हिंदू पंचांग पर नजर डालें तो यह चंद्र ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है. यह चंद्रग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है. चंद्र ग्रहण का समय 3 घंटे का होगा. इस चंद्र ग्रहण का सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा.
गर्भवती महिलाओं पर होगा चंद्र ग्रहण का असर-
कहा जाता है कि किसी भी ग्रहण का असर सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है. क्योंकि ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक उर्जा काफी मौजूद रहती है. ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. अगर घर से बाहर निकलना बहुत जरूरी हो तो गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप कर लें. इस ग्रहण का दुष्प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर नहीं पड़ेगा.
बता दें कि ग्रहण के दौरान यदि खाना जरूरी हो तो सिर्फ खानपान की उन्हीं वस्तुओं का उपयोग करें जिनमें सूतक लगने से पहले तुलसी पत्र या कुश डाला गया हो. गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान चाकू, छुरी, ब्लेड, कैंची जैसी काटने की किसी भी वस्तु का प्रयोग न करें. इन सभी चीजों का इस्तेमाल करने पर गर्भ में पहले रह बच्चें के अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है. ग्रहण के दौरान सुई धागे का प्रयोग भी वर्जित है. ग्रहण के दौरान भगवान का नाम लेने के अलावा दूसरा कोई काम न करें.
ग्रहण काल के दौरान ये रखें सावधानियां-
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