Chandra Grahan 2019 Sutak Time: मंगलवार 16 जुलाई और बुधवार 17 जुलाई की मध्यरात्रि को आंशिक चंद्रग्रहण लग रहा है. चंद्रग्रहण शुरू होने के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है और चंद्रग्रहण खत्म होने तक सूतक काल रहता है. चंद्रग्रहण के दिन सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. साथ ही भगवान की पूजा अर्चना भी नहीं की जाती है. चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद नहाधोकर और पूजा अर्चना कर सूतक खत्म होता है. जानिए इस बार के चंद्रग्रहण के दौरान सूतक काल का सही समय क्या हैं?
नई दिल्ली. Chandra Grahan 2019 Sutak Time: भारत समेत अन्य देशों में मंगलवार 16 जुलाई और बुधवार 17 जुलाई की मध्यरात्रि को चंद्रग्रहण होगा. चंद्रग्रहण के 9 घंटे पहले से ही सूतक काल शुरू हो जाएगा. सूतक के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है. साथ ही सूतक शुरू होने के बाद और चंद्रग्रहण खत्म होने तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. हिंदू मान्यताओं और शास्त्रों के मुताबिक चंद्रग्रहण समाप्त होने के पश्चात उचित उपाय कर ही सूतक खत्म होता है. इस साल चंद्रग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है और गुरु पूर्णिमा के दिन सभी देवालय और मंदिरों में पूजा अर्चना होती है. हालांकि सूतक शुरू होने से पहले ही सभी मंदिरों में गुरू पूर्णिमा की पूजा अर्चना हो जाएगी और मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद ही मंदिरों के कपाट खुलेंगे.
Chandra Grahan 2019: 16 जुलाई को चंद्रग्रहण कब होगा?
भारत में 16 जुलाई और 17 जुलाई की मध्यरात्रि को इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण लग रहा है. चंद्रग्रहण को पूरे देश में देखा जाएगा. यह एक आंशिक चंद्रग्रहण होगा. भारतीय समयानुसार 16 जुलाई मध्यरात्रि 1 बजकर 31 मिनट पर चंद्रग्रहण शुरू होगा जो कि 17 जुलाई तड़के 4 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगा.
Chandra Grahan 2019: क्या है चंद्रग्रहण के दिन सूतक काल का सही समय?
आमतौर पर चंद्रग्रहण के 9 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाएगा. इस तरह से मंगलवार 16 जुलाई 2019 को गुरु पूर्णिमा के दिन शाम 4 बजकर 30 मिनट पर सूतक शुरू हो जाएगा. इसलिए मंगलवार शाम 4.30 बजे के बाद से कोई भी मांगलिक कार्य न करें. भगवान और देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना न करें. यदि गुरु पूर्णिमा की पूजा करनी है तो वह दोपहर से पहले ही खत्म कर दें.
Chandra Grahan 2019: चंद्रग्रहण के सूतक काल का निवारण कैसे करें?
सूतक काल की शुरुआत मंगलवार शाम 4.30 बजे से होगी और चंद्रग्रहण के समापन के साथ बुधवार गुरुवार अलसुबह 4.30 बजे तक सूतक रहेगा. चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद सूतक का निवारण किया जाता है. चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद नहा-धोकर गंगा जल से घर की शुद्धि की जाती है. इसके बाद भगवान की पूजा अर्चना कर दान किया जाता है, जिससे सूतक का निवारण होता है.
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